गाड़ी के टायर का रंग काला ही क्यों होता है? असली वजह जानकर तो आपको लगेगा झटका
छाते का काला रंग
छाते के काले रंग की मुख्य वजह यह है कि काला रंग सूर्य की रोशनी को बहुत ही अच्छे से अवशोषित कर लेता है. जब सूर्य की गर्मी काले छाते पर पड़ती है, तो वह इसे सोख लेता है, जिससे छाते के नीचे का तापमान कम रहता है. इससे छाता उपयोग करने वाले व्यक्ति को छांव में अधिक ठंडक महसूस होती है. साथ ही, काले रंग में धूल और गंदगी कम दिखाई देती है, जिससे छाता अधिक समय तक नया लगता है.
गाड़ी के टायर का काला रंग
गाड़ियों के टायर काले रंग के होते हैं क्योंकि टायर बनाने के लिए जिस रबड़ का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें कार्बन ब्लैक नामक पदार्थ मिलाया जाता है. कार्बन ब्लैक एक प्रकार का कार्बन है जो टायर को अधिक टिकाऊ बनाता है और इसे घिसने से बचाता है. यही कारण है कि टायर लंबे समय तक चल सकते हैं और उन्हें कम बार बदलना पड़ता है. इसके अलावा, काला रंग यूवी किरणों से टायर की सुरक्षा करता है, जिससे वे जल्दी खराब नहीं होते.
इसके पीछे की बड़ी वजह
हालांकि बाजार में विभिन्न रंगों के छाते और कुछ हद तक टायर भी हैं लेकिन काला रंग इन दोनों की प्राथमिक पसंद बना हुआ है. काले रंग के छाते और टायर न केवल प्रयोग में व्यावहारिक होते हैं बल्कि उन्हें रख-रखाव में भी आसान होता है. इसलिए जब भी लोग इन्हें खरीदने का विचार करते हैं तो काले रंग का चयन करते हैं.