किन्नरो का अंतिम संस्कार रात में ही क्यों किया जाता है? बाहरी लोगों को भी देखने की होती है मनाही

किन्नर समुदाय (Transgender Community) के जीवन और मृत्यु से जुड़ी कई परंपराएं और रस्में (Rituals) हैं, जो आम जनता की नजरों से ओझल हैं। किन्नरों का अंतिम संस्कार (Funeral) एक ऐसी ही रहस्यमयी प्रक्रिया है...
 

किन्नर समुदाय (Transgender Community) के जीवन और मृत्यु से जुड़ी कई परंपराएं और रस्में (Rituals) हैं, जो आम जनता की नजरों से ओझल हैं। किन्नरों का अंतिम संस्कार (Funeral) एक ऐसी ही रहस्यमयी प्रक्रिया है, जो आमतौर पर आधी रात (Midnight) में गुप्त रूप से किया जाता है ताकि बाहरी लोगों की इस पर नजर न पड़े।

किन्नर समुदाय के अंतिम संस्कार और उनकी जीवनशैली (Lifestyle) समाज के उस हिस्से को दर्शाती है जो अक्सर अनदेखा और अनसुना रह जाता है। इस समुदाय की अनूठी परंपराएं और जीवन दर्शन (Philosophy) हमें यह सिखाते हैं कि हर जीवन अपनी विशिष्टता (Uniqueness) और महत्व के साथ मौजूद है।

अंतिम संस्कार की गोपनीयता

किन्नरों के अंतिम संस्कार में बाहरी व्यक्तियों (Outsiders) की उपस्थिति सख्ती से वर्जित (Prohibited) होती है। यह परंपरा किन्नर समुदाय की निजीता (Privacy) और उनके जीवन की अंतरंगता (Intimacy) को दर्शाती है। इस गोपनीयता के पीछे की वजह उनके समुदाय के प्रति समाज की उपेक्षा (Neglect) और भेदभाव (Discrimination) भी हो सकती है।

किन्नरों का आध्यात्मिक विश्वास

किन्नरों के बीच यह आध्यात्मिक मान्यता (Spiritual Belief) है कि उनमें कुछ विशेष शक्तियां (Powers) होती हैं, जिसके चलते वे अपनी मृत्यु (Death) का आभास कर सकते हैं। मृत्यु के समय उनके द्वारा की गई दुआएं (Prayers) और आशीर्वाद को बहुत प्रभावशाली माना जाता है।

अंतिम संस्कार की अनूठी प्रक्रिया और रस्में

किन्नर समुदाय में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया (Process) और रस्में (Rituals) अनोखी होती हैं। जहां आमतौर पर शव को कंधे पर लादकर ले जाया जाता है, वहीं किन्नर समुदाय में शव को खड़ा करके अंतिम संस्कार स्थल (Funeral Site) तक ले जाया जाता है। इसके पीछे भी एक विश्वास है कि इससे मृतक को अगले जन्म में किन्नर का शरीर नहीं मिलता।

किन्नर समुदाय की अपनी मान्यताएं और परंपराएं

किन्नरों के बीच यह मान्यता है कि उनका जीवन अभिशापित (Cursed) होता है, इसलिए अंतिम संस्कार से पहले मृतक को प्रतीकात्मक रूप से पीटा जाता है और गालियां दी जाती हैं, ताकि उनके जीते जी किए गए पापों का प्रायश्चित (Atonement) हो सके।

अंतिम संस्कार का गुप्त और सादा ढंग

किन्नरों का अंतिम संस्कार गुप्त तरीके से और बिना किसी आडंबर (Simplicity) के किया जाता है। शव को सफेद कपड़े (White Cloth) में लपेटा जाता है और पवित्र नदी के पानी से मुंह धोया जाता है। इसके बाद उसे दफनाया (Buried) जाता है।

किन्नरों के जीवनकाल की शोध परिणाम

वैज्ञानिक शोध (Scientific Research) के अनुसार, किन्नरों का जीवनकाल (Lifespan) आम लोगों की तुलना में लंबा होता है। इस शोध ने यह भी दिखाया कि किन्नर लगभग 20 वर्ष अधिक जीवित रहते हैं।