हवा से जमीन पर एकदम से लैंडिंग के दौरान क्यों नही फटते हवाई जहाज के टायर ? रबड़ के साथ इस चीज से बनते है ये खास टायर

हवाई जहाज का सफर बहुत रोमांचक और दिलचस्प होता है। जब भी आप हवाई जहाज से यात्रा करते होंगे, आपने हवाई जहाज के आकार और बनावट पर जरूर ध्यान दिया होगा। ये काफी विशाल और भारी भरकम होते हैं। आइए जानते हैं...
 

हवाई जहाज का सफर बहुत रोमांचक और दिलचस्प होता है। जब भी आप हवाई जहाज से यात्रा करते होंगे, आपने हवाई जहाज के आकार और बनावट पर जरूर ध्यान दिया होगा। ये काफी विशाल और भारी भरकम होते हैं। आइए जानते हैं...

200 से 250 टन वजन वाले विमानों के टायरों पर कितना दबाव पड़ता होगा जब वे जमीन पर कठोर कंक्रीट से बने रनवे पर 150 से 250 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उतरता होगा! यह हैरान करने वाला है कि ये टायर हर दिन इस नुकसान को सहते हैं।

क्या आपने सोचा है कि इतना दबाव होने पर भी इसके टायर क्यों नहीं फटते? आखिरकार, ये किस चीज से बनाए गए होते हैं जो इतना दबाव और दबाव सह सकते हैं? जानते हैं..।

हवाई जहाज के टायर किस सामग्री से बनाए जाते हैं?

हवाई जहाज के टायर 45 इंच के सिंथेटिक रबर से बनाए जाते हैं। नायलॉन और आर्मीड से बने कपड़े में एल्यूमीनियम स्टील मिलाया जाता है। 200 पाउंड/वर्ग इंच दबाव पर नाइट्रोजन गैस इनमें भरी जाती है।

अक्रिय गैस नाइट्रोजन है। इसलिए सामान्य हवा पर उच्च तापमान और दबाव बदलाव का कम प्रभाव पड़ता है। 900 पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव को भी प्लेन के टायर सहन कर सकते हैं।

लैंडिंग के दौरान टायरों से धुआं निकलने का क्या कारण है?

हवाई जहाज की लैंडिंग के दौरान टायर जमीन पर गिरने पर धुआं निकलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हवाई जहाज के टायर शुरू में जमीन को छूने पर लुढ़कने के बजाय फिसलते हैं। जब तक उनका घूर्णी वेग (Rotational Velocity) हवाई जहाज के वेग के बराबर नहीं होता, तब तक वे फिसलते रहते हैं।

वेग बराबर होने पर ये घूमने लगते हैं और फिसलने लगते हैं। यही कारण है कि कार के टायरों की तरह हवाई जहाज के टायरों पर ब्लॉक पैटर्न का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि इसमें टूटने का खतरा रहता है। इसलिए इसके टायर में खांचे होते हैं। 38 टन का भार इसके प्रत्येक टायर से उठाया जा सकता है। इसलिए कई कमर्शियल विमाओं में 20 पहिए लगाए जाते हैं।

एक टायर कितनी बार इस्तेमाल होते हैं?

हवाई जहाज के टायर लगभग 500 बार इस्तेमाल होने के बाद प्लेन से हटा दिए जाते हैं। उन्हें फिर से ग्रिप लगाने के बाद 500 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इन पर इस तरह सात बार ग्रिप चढ़ाई जा सकती है। एक टायर को 3500 बार इस्तेमाल किया जा सकता है, फिर वे बेकार हो जाते हैं।

टायर नहीं फटने के पीछे की वजह

दरअसल, नाइट्रोजन गैस से भरे हुए टायरों में घर्षण के कारण आग लगने की संभावना कम होती है, इसलिए वे अक्सर नहीं फटते। इसलिए, तेज रफ्तार से जमीन पर उतरते हुए हवाई जहाज के टायर घर्षण के बावजूद गर्म नहीं होते और नहीं फटते।