ट्रक के पीछे जमीन को छूने वाली ये चैन क्यों बांधते है ड्राइवर, जाने इसके क्या होते है फायदे
भारतीय सड़कों पर विविध प्रकार के वाहनों का सफर एक अनोखी कहानी कहता है। छोटी कारों से लेकर विशाल ट्रकों तक हर वाहन अपने-अपने उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया है। माल ढोने वाले वाहन जैसे ट्रक अपने आकार और डिज़ाइन में अलग होते हैं जो उनके विशेष काम के लिए तैयार किए गए होते हैं।
लेकिन भारतीय ट्रकों में एक खास बात जो अक्सर लोगों की जिज्ञासा जगाती है वह है ट्रकों के नीचे लटकी हुई लोहे की चैन या जंजीर।
क्या होता जंजीर का काम
अक्सर यह माना जाता है कि ट्रकों में यह जंजीर शायद डिजाइन के लिए या शोभा बढ़ाने के लिए लगाई गई होती है। लेकिन वास्तविकता में इस जंजीर की भूमिका कहीं अधिक महत्वपूर्ण और वैज्ञानिक होती है। खासकर ज्वालनशील पदार्थ ले जाने वाले ट्रकों में इसकी उपस्थिति अत्यंत आवश्यक होती है।
चैन होने का कारण
ट्रकों में जंजीर का उपयोग एक विशेष कारण के लिए किया जाता है। चलते समय ट्रक और सड़क के बीच फ्रिक्शन के कारण स्थैतिक आवेश (स्थैतिक चार्ज) उत्पन्न होता है जो स्पार्क का कारण बन सकता है।
जब ट्रक ज्वलनशील पदार्थ ले जा रहा होता है तो स्पार्क की यह संभावना उसे आग के खतरे में डाल सकती है। इस समस्या के समाधान के लिए ट्रक के नीचे एक चैन लटकाई जाती है जो सीधे धरती से संपर्क में होती है।
चैन के पीछे का विज्ञान
यह चैन वाहन से उत्पन्न होने वाले स्थैतिक चार्ज को पृथ्वी में स्थानांतरित करती है जिससे वाहन सुरक्षित रहता है। यह प्रक्रिया 'अर्थिंग' कहलाती है जिसमें धातु की चैन के माध्यम से विद्युत आवेश को सुरक्षित रूप से पृथ्वी में भेज दिया जाता है। चैन आमतौर पर लोहे या अन्य धातु से बनी होती है जो विद्युत के अच्छे चालक होते हैं।
सुरक्षा के लिए होता प्रयोग
भारतीय ट्रक ड्राइवरों द्वारा इस प्रथा का पालन न केवल उनके वाहनों को बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह चैन उन्हें उन अप्रत्याशित घटनाओं से बचाती है जो अन्यथा विनाशकारी हो सकती हैं।