आजकल नए टू व्हीलर्स की हमेशा ऑन ही क्यों रहती है लाइट, जाने इसके पीछे क्या है असली वजह

भारतीय सड़कों पर दो पहिया वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई है। इसी कारण केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2017 से सभी नए दो पहिया वाहनों में ऑटोमैटिक हेडलाइट ऑन (AHO) फीचर लागू करने का निर्णय लिया।
 

भारतीय सड़कों पर दो पहिया वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई है। इसी कारण केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2017 से सभी नए दो पहिया वाहनों में ऑटोमैटिक हेडलाइट ऑन (AHO) फीचर लागू करने का निर्णय लिया। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य वाहनों की विजिबिलिटी बढ़ाकर सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है।

AHO

AHO का मुख्य उद्देश्य सड़क पर वाहनों की विजिबिलिटी बढ़ाना है, खासकर कम रोशनी और खराब मौसम की स्थितियों में। इस फीचर के जुड़ने से, वाहन की हेडलाइट इग्निशन ऑन होते ही स्वतः ही चालू हो जाती है जिससे दूर से आने वाले वाहन चालक को दो पहिया वाहन की उपस्थिति का पता चल जाता है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है।

बैटरी और माइलेज पर असर 

AHO फीचर को लेकर कुछ लोगों के मन में यह शंका रही है कि इससे वाहन की बैटरी पर असर पड़ सकता है या फिर इसके कारण माइलेज में कमी आ सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक दो पहिया वाहनों में उपयोग की जा रही तकनीक और बैटरी सिस्टम इस प्रकार से डिज़ाइन किए गए हैं कि इस फीचर का उपयोग करने से न तो बैटरी लाइफ पर और न ही माइलेज पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

जागरूकता और अधिकतम उपयोग

इस फीचर की सफलता में जागरूकता की मुख्य भूमिका है। वाहन चालकों को AHO के महत्व और इसके लाभों के बारे में जानकारी प्रदान करने से इसे स्वीकार करने में अधिक सहजता होगी। सड़क सुरक्षा में यह छोटा कदम बड़े परिवर्तन की ओर ले जा सकता है, और इस प्रकार, हर वाहन चालक का यह दायित्व बनता है कि वे इस फीचर का समर्थन करें और इसका उपयोग करें।