पेट्रोल पंप पर 100 की जगह 110 का तेल क्यों भरवाते है लोग ? जान लो इसके पीछे की सच्चाई

आपने कार या बाइक में डीजल या पेट्रोल भरते समय देखा होगा कि कई लोग 100 की जगह 110 या 120 का तेल भरते हैं। इनका मानना है कि इससे पूरा तेल मिलता है क्योंकि तेल चोरी नहीं होती।
 

आपने कार या बाइक में डीजल या पेट्रोल भरते समय देखा होगा कि कई लोग 100 की जगह 110 या 120 का तेल भरते हैं। इनका मानना है कि इससे पूरा तेल मिलता है क्योंकि तेल चोरी नहीं होती। ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलती हैं। लेकिन वास्तव में क्या है? वास्तव में 100 की जगह 120 लीटर तेल भरने पर सही तेल मिलता है?

Online platform कोरा पर भी यही सवाल पूछा गया। इसका उत्तर रेलवे के पूर्व मुख् य इंजीनियर अनिमेष कुमार सिन् हा ने दिया। सच जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। आपके सारे झूठ मिट जाएंगे। इसके लिए आपको पेट्रोल पंप की पूरी व्यवस्था जाननी चाहिए।

पेट्रोल पंप पर जो अधिक मात्रा में पेट्रोल बिकता है, उसके लिए विशिष्ट कोड बनाए जाते हैं। 100, 200, 500 और 1000 जैसे इसकी एंट्री एक वन-बटन प्रणाली से होती है। इससे पेट्रोल भरने वाले को आसानी होती है क्योंकि उसे बार-बार नंबर दबाना नहीं होता। लोगों को लगता है कि इन आंकड़ों में कुछ सेटिंग होगी और तेल की कमी होगी।

यही कारण है कि लोग मानने लगे हैं कि अगर इन आंकड़ों से अलग पैसे से तेल खरीदा जाए तो शायद सही तेल नहीं मिलेगा क्योंकि तब सेटिंग नहीं होगी। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो पहले पेट्रोल पंप की पूरी व्यवस्था जानिए। पेट्रोल की मैपिंग और मूल्य निर्धारण प्रक्रिया पेट्रोल लेने का सर्वोत्तम तरीका क्या है?

फ्लो मीटर से होती गणना

पेट्रोल पंप की मशीन को लीटर में तेल देने का उद्देश्य है। यानी उसकी हर गणना लीटर से हुई है। इस मशीन को तकनीकी तौर पर फ्लो मीटर कहा जाता है। एक सॉफ्टवेयर है जो रुपये को लीटर में बदलता है। इसमें पेट्रोल या डीजल की कीमत दी जाती है, फिर इसकी गणना करके तेल मिलता है।

यदि आप 100, 110 या 120 का तेल लेते हैं, तो इस गणना में कुछ राउंडऑफ हो सकता है। जैसे आपने जो पैसा दिया था, उसमें 10.24 लीटर मिलाना था, तो यह 10.2 लीटर हो जाएगा। लेकिन कोई सबूत नहीं है कि 110 या 120 डॉलर का तेल सही है। दूसरा, आप सिर्फ पेट्रोल पंप पर निर्भर होंगे।

सही तेल पाने का तरीका

लीटर भरना सबसे अच्छा है अगर आप सही तेल चाहते हैं। पेट्रोल पंप कहते हैं कि उनके पास छुट्टा नहीं है। अब यूपीआई ट्रांसफर का समय है, इसलिए आप उतना ही पेमेंट कर सकते हैं जितने का तेल खरीदा गया है।

दूसरी बात, माप तौल विभाग पेट्रोल पंप के फ्लो मीटर को कैलिबेरशन और जांच लीटर में रखता है। तेल कंपनियां भी इसी तरह की जांच करती हैं। क्योंकि पेट्रोल का घनत्व एक निश्चित तापक्रम पर स्थिर है और बदल नहीं सकता।

शक हो तो क्‍या करें

पैसे से लीटर में कन्वर्जन की जांच इस तरह नहीं की जाती कि गलती हो जाए। तेल कंपनी द्वारा प्रदान किए गए मानक सॉफ्टवेयर पर यह निर्भर रहता है। यदि आपको कोई संदेह है, तो आप माप तौल विभाग में शिकायत कर सकते हैं। इसकी पुष्टि कर सकते हैं। हां, कम पेट्रोल से पंप पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।