नई बाइक्स में हमेशा हेडलाइट जलती क्यों रहती है, जाने इसका बैटरी पर कितना पड़ता है असर

आज के समय में जब तकनीक आए दिन नए आयाम छू रही है टू-व्हीलर्स में ऑटोमेटिक हेडलाइट ऑन (AHO) की सुविधा ने भी अपनी एक विशेष जगह बनाई है। 1 अप्रैल 2017 से लागू इस परिवर्तन ने वाहनों की सुरक्षा और दृश्यता को एक नई दिशा दी है।

 

आज के समय में जब तकनीक आए दिन नए आयाम छू रही है टू-व्हीलर्स में ऑटोमेटिक हेडलाइट ऑन (AHO) की सुविधा ने भी अपनी एक विशेष जगह बनाई है। 1 अप्रैल 2017 से लागू इस परिवर्तन ने वाहनों की सुरक्षा और दृश्यता को एक नई दिशा दी है।

सुरक्षा 

इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य खराब मौसम और धुंध के दौरान टू-व्हीलर्स की दृश्यता को बेहतर बनाना है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में पहले से ही इस नियम का सफल कार्यान्वयन हो चुका है जिसने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद की है।

आधुनिक टू-व्हीलर्स की नई सुबह

आधुनिक टू-व्हीलर्स में आई इस नई तकनीक ने वाहनों की सुरक्षा स्तर को उच्च कर दिया है। जहाँ पहले राइडर्स को हेडलाइट चालू रखने के लिए मैनुअली स्विच करना पड़ता था वहीं अब वाहन स्टार्ट होते ही हेडलाइट ऑटोमेटिकली चालू हो जाती है।

बैटरी और माइलेज पर असर 

जहाँ एक ओर इस परिवर्तन को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी कि इससे वाहन की बैटरी पर असर पड़ेगाम वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक वाहनों में लगी एडवांस बैटरी और अल्टरनेटिव तकनीक के कारण इसका माइलेज या बैटरी लाइफ पर कोई गलत असर नहीं पड़ता।

सड़क सुरक्षा की नई दिशा

इस पहल का मुख्य लक्ष्य सड़क पर सुरक्षा को बढ़ावा देना है। ऑटोमेटिक हेडलाइट ऑन सिस्टम से वाहन की दृश्यता में सुधार होता है जिससे अन्य वाहन चालकों को टू-व्हीलर्स का पता चलता है और दुर्घटना की संभावना कम होती है।