अल्ट्रासाउंड करने से पहले क्यों लगाया जाता है चिपचिपा सा जेल, जाने क्या होता है इसका काम

जब भी हमारे पेट या शरीर के किसी अन्य हिस्से में दर्द होता है या डॉक्टर को इसके पीछे की वजह जाननी होती है तो वे अल्ट्रासाउंड का सहारा लेते हैं। अल्ट्रासाउंड एक ऐसा उपकरण है जो हमारे शरीर के अंदरूनी भागों की फोटो देखने को मिलती है।
 

जब भी हमारे पेट या शरीर के किसी अन्य हिस्से में दर्द होता है या डॉक्टर को इसके पीछे की वजह जाननी होती है तो वे अल्ट्रासाउंड का सहारा लेते हैं। अल्ट्रासाउंड एक ऐसा उपकरण है जो हमारे शरीर के अंदरूनी भागों की फोटो देखने को मिलती है। यह उपकरण सोनार और रेडियो तकनीकों का उपयोग करके काम करता है जिससे डॉक्टरों को शरीर का अंदरूनी भाग देखने में मदद मिलती है।

जेल का उपयोग और इसकी आवश्यकता

अल्ट्रासाउंड प्रक्रिया में डॉक्टर अक्सर एक विशेष प्रकार का जेल शरीर के उस हिस्से पर लगाते हैं जहाँ परीक्षण किया जाना होता है। यह जेल अल्ट्रासाउंड ट्रांसड्यूसर और त्वचा के बीच हवा के कणों को खत्म कर देता है। हवा के कण अल्ट्रासाउंड तरंगों को ठीक से संचारित नहीं होने देते जिससे इमेज की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस जेल की वजह से acoustic impedance कम होता है जिससे तरंगें आसानी से त्वचा से होकर गुजर सकती हैं और शरीर के अंदरूनी हिस्सों को स्पष्ट देख सकते है।

जेल की सुरक्षा और संरचना

यह जेल मुख्य रूप से पानी और प्रोपीलीन ग्लाइकोल से बनाया जाता है जो कि पूरी तरह से नॉन टॉक्सिक होता है। इसके घटक हानिकारक नहीं होते और यह त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है। रेडियोलॉजिस्ट्स भी पुष्टि करते हैं कि इस जेल में कोई ज़हरीली चीज़ शामिल नहीं होती जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचे। इसके अलावा जेल ट्रांसड्यूसर के सेंसर को त्वचा के साथ बेहतर संपर्क में रहने में मदद करता है जिससे उच्च गुणवत्ता की इमेज देखने को मिलती है।

अल्ट्रासाउंड के अन्य उपयोग

अल्ट्रासाउंड का उपयोग केवल दर्द का निदान करने के लिए ही नहीं बल्कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की जांच, हृदय रोगों की जांच, और अन्य आंतरिक अंगों के विस्तृत परीक्षण के लिए भी किया जाता है। यह तकनीक डॉक्टरों को शरीर के अंदर की जटिलताओं को समझने में सक्षम बनाती है जिससे वे सही चिकित्सा हो सकती हैं।