1 रुपए के नोट पर क्यों नही लिखा होता भारतीय रिजर्व बैंक, जाने इसके पीछे की क्या है वजह

भारतीय मुद्रा जो हमारी आर्थिक गतिविधियों का आधार है का निर्माण और विनियमन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हाथ में होता है। RBI जो देश के मुद्रा बाजार का संचालन करता है विभिन्न मूल्यवर्गों के नोट जारी करता है और प्रत्येक नोट पर गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं जो इसकी प्रामाणिकता को दर्शाते हैं।
 

भारतीय मुद्रा जो हमारी आर्थिक गतिविधियों का आधार है का निर्माण और विनियमन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हाथ में होता है। RBI जो देश के मुद्रा बाजार का संचालन करता है विभिन्न मूल्यवर्गों के नोट जारी करता है और प्रत्येक नोट पर गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं जो इसकी प्रामाणिकता को दर्शाते हैं।

₹1 के नोट की खासियत 

लेकिन, इस पूरी प्रक्रिया में एक अपवाद है - ₹1 का नोट। यह नोट रिजर्व बैंक द्वारा नहीं बल्कि भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इस पर RBI गवर्नर के हस्ताक्षर के बजाय वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं।

वित्त मंत्रालय की भूमिका

इस अद्वितीय नोट की छपाई और जारी करने का काम वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह न केवल हमें भारतीय मुद्रा संचालन की विविधता दिखाता है बल्कि यह भी बताता है कि कैसे सरकारी निकाय विभिन्न कार्यों को संभालते हैं।

RBI की स्थापना और इतिहास

RBI की स्थापना 1935 में हुई थी और इसका मुख्यालय पहले कोलकाता में था जिसे बाद में मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया। RBI की भूमिका भारतीय आर्थिक प्रणाली में महत्वपूर्ण है जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक एक्ट 1934 के अनुसार संचालित किया जाता है।

भारतीय मुद्रा का प्रतीक और इसका महत्व

भारतीय रुपये का प्रतीक जो ₹ के रूप में है इसे विशेष रूप से डिजाइन किया गया है जो भारतीयता को प्रदर्शित करता है। यह प्रतीक न केवल भारतीय मुद्रा की पहचान है बल्कि यह देश की आर्थिक स्वायत्तता का भी प्रतीक है।