पुलिस की वर्दी पर क्यों लगी होती है ये खास रस्सी, जाने क्या होता है इसका नाम और काम

भारतीय पुलिस जो समाज की सुरक्षा और शांति की रक्षक है अपनी खाकी वर्दी में विश्वास और गौरव का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुलिस वर्दी पर लगी रस्सी जिसे लैनयार्ड कहते हैं का क्या काम है?
 

भारतीय पुलिस जो समाज की सुरक्षा और शांति की रक्षक है अपनी खाकी वर्दी में विश्वास और गौरव का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुलिस वर्दी पर लगी रस्सी जिसे लैनयार्ड कहते हैं का क्या काम है? आइए आज हम आपको इस आर्टिकल में पुलिस की वर्दी पर लगी रस्सी के बारे में बताएंगे।

लैनयार्ड

लैनयार्ड वर्दी का वह हिस्सा है जो पहली नज़र में सामान्य दिखाई देता है, लेकिन इसका वर्दी पर होना अपना एक अलग महत्व है। यह रस्सी न सिर्फ वर्दी की शोभा बढ़ाती है बल्कि इसका काम भी बहुत महत्वपूर्ण है।

सिटी का काम 

लैनयार्ड का मुख्य उपयोग इसमें लगी सिटी के माध्यम से होता है। यह सिटी आपातकालीन स्थितियों में ट्रैफिक नियंत्रण के समय या फिर सहकर्मियों को संदेश देने के लिए पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाती है। इसकी आवाज़ में वह शक्ति होती है जो किसी भी व्यक्ति का ध्यान तुरंत खींच सकती है।

रंगों का महत्व

लैनयार्ड का रंग अधिकारी के पद को दर्शाता है। उच्च रैंक वाले अधिकारियों की वर्दी में काले रंग की लैनयार्ड लगी होती है जबकि निम्न रैंक वालों के लिए खाकी रंग की। सेना में लैनयार्ड का रंग रेजीमेंट के अनुसार तय होता है।

इतिहास के पन्नों से

लैनयार्ड का इस्तेमाल 15वीं शताब्दी से शुरू हुआ था जब फ्रांसीसी सेना और जहाजों के कर्मचारी इसे उपकरणों और चाबियों को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल करते थे। इस शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी भाषा के 'लैनियर' से हुई है जिसका अर्थ होता है पट्टा या स्ट्रैप।