गर्मियों में कार या बाइक की टंकी क्यों नही करवानी चाहिए फुल, वरना हो सकता है ये बड़ा नुकसान

आज के समय में जहाँ वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। वहीं इन वाहनों का सही रखरखाव भी बेहद जरूरी है। वाहनों की सही देखभाल और मेंटेनेंस से न केवल वाहन की उम्र बढ़ती है बल्कि यह दुर्घटनाओं को रोकने में....
 

आज के समय में जहाँ वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। वहीं इन वाहनों का सही रखरखाव भी बेहद जरूरी है। वाहनों की सही देखभाल और मेंटेनेंस से न केवल वाहन की उम्र बढ़ती है बल्कि यह दुर्घटनाओं को रोकने में भी सहायक होता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इसी कड़ी में वाहनों की ईंधन भरने के संबंध में कुछ जरूरी गाइडलाइन्स जारी की हैं।

मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स का पालन करके न केवल वाहनों की दीर्घायु सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि यह वाहन चालकों की सुरक्षा को भी प्रधानता देता है। यह जानकारी सभी वाहन मालिकों के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे सुरक्षित रूप से और जिम्मेदारी के साथ अपने वाहनों का संचालन कर सकें।

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मंत्रालय द्वारा जारी किया गया सर्कुलर

हाल ही में उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने वाहन चालकों को वाहनों में फ्यूल भरते समय विशेष सावधानियाँ बरतने के लिए कहा है। इस सर्कुलर में बताया गया है कि गाड़ियों में फ्यूल टैंक पूरी तरह से न भरें क्योंकि इससे खतरे की संभावना बढ़ जाती है। अत्यधिक भरे हुए टैंक से ईंधन लीक हो सकता है और इससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

ईंधन भरने की सही विधि और उसके फायदे

गाइडलाइन में यह भी उल्लेखित है कि टैंक को पूरी तरह न भरने से पेट्रोल की भाप के लिए पर्याप्त जगह बनी रहती है। जिससे टैंक में दबाव नहीं बनता। इससे ईंधन की खपत भी कम होती है और इंजन का प्रदर्शन भी बेहतर होता है। ईंधन का सही तरीके से जलना इसे और अधिक किफायती बनाता है और पर्यावरण पर प्रभाव को भी कम करता है।

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वाहन निर्माताओं पर लगाए गए आरोप और उनकी जिम्मेदारी

मंत्रालय ने वाहन निर्माता कंपनियों पर फ्यूल टैंक की क्षमता सही से कम दिखाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों को टैंक पूरी तरह न भरने की सलाह दें। ताकि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।