रसोई गैस सिलेंडर का आकार गोल ही क्यों होता है, अगर कंपनियां चोकोर सिलेंडर बना दे तो क्या होगा

पुराने जमाने मे चूल्हे में लकड़ी डालकर आग लगाकर खाना पकाया जाता था। यद्यपि बहुत से लोग अभी भी चूल्हे पर खाना बनाते हैं लेकिन गैस चूल्हे के आविष्कार से बहुत से लोग गैस पर खाना पकाना शुरू कर चुके हैं।
 

पुराने जमाने मे चूल्हे में लकड़ी डालकर आग लगाकर खाना पकाया जाता था। यद्यपि बहुत से लोग अभी भी चूल्हे पर खाना बनाते हैं लेकिन गैस चूल्हे के आविष्कार से बहुत से लोग गैस पर खाना पकाना शुरू कर चुके हैं। एलपीजी गैस आने से चूल्हे का धुंआ कम हुआ है।

LPG गैस को सिलेंडर में भरकर घरों तक भेजा जाता है। बाद में यह सिलेंडर से चूल्हे में जाता है और उसमें आग जलती है. इससे आराम से और बिना धुएं के खाना बनाया जा सकता है। खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस एक गोल सिलेंडर में भरी जाती है।

क्या आपने कभी इस बात का पता लगाने की कोशिश की है कि इसे गोल ही क्यों बनाया जाता है?..।चिकना या चक्र क्यों नहीं बनाया गया? दरअसल इसकी भी रोचक वजह है। हम आज आपको गैस सिलेंडर के बारे में बहुत कुछ बताने जा रहे है...

इसलिए बनाए जाते है गोल सिलेंडर

गैस सिलेंडर का गोल आकार होने का बहुत सारा कारण है। गैस को अधिक दबाव देकर कंप्रेस करना इसका सबसे बड़ा कारण है। गोल आकार के सिलेंडर में भरी गैस पर अधिक दबाव डाला जा सकता है। सिलेंडर का गोल आकार एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी आसान बनाता है। कुछ प्रमुख कारणों से गोल सिलेंडर का आकार रखा गया है।

सिलेंडर में नीचे की ओर क्यों होते हैं छेद

आपने देखा होगा कि सिलेंडर के सहारे पर कुछ छेद हैं। वास्तव में वे सिलेंडर के निचले भाग में हवा को वेंटिलेशन करने के लिए बनाए गए हैं। सिलेंडर के निचले भाग में हवा का अतिरिक्त वेंटिलेशन बहुत महत्वपूर्ण है। ताकि सिलेंडर के निचले भाग में नमी न रहे।

नमी अक्सर सिलेंडर के निचले भाग में दरार पैदा करती है जिससे गैस लीक हो सकती है और बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में सिलेंडर के निचले हिस्से में हवा के प्रवेश और बाहर निकलने के लिए छेद होना चाहिए।