राजस्थान की इस नदी में छोड़ा जाएगा यमुना का पानी, इन जिले के लोगों की हो जाएगी मौज

राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है क्योंकि यमुना नदी से कटली नदी तक जल पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना का सर्वे शुरू हो चुका है। यह परियोजना राजस्थान की कटली नदी के सूखे प्रवाह को खत्म करने और यमुना नदी के ओवरफ्लो के पानी का सही उपयोग करने के लिए की जा रही है।
 

राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है क्योंकि यमुना नदी से कटली नदी तक जल पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना का सर्वे शुरू हो चुका है। यह परियोजना राजस्थान की कटली नदी के सूखे प्रवाह को खत्म करने और यमुना नदी के ओवरफ्लो के पानी का सही उपयोग करने के लिए की जा रही है। इससे न केवल जल संकट कम होगा बल्कि बाढ़ के खतरे में भी कमी आएगी।

परियोजना की प्रगति और योजना

यह परियोजना शेखावाटी क्षेत्र की कटली नदी में पानी की आवक सुनिश्चित करने के लिए है। यमुना का पानी एकत्रित करने के लिए रिजवायर बनाने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है, जिससे कई सालों से सूखी इस नदी में पानी की कलकल फिर से सुनाई देगी। इस पहल के लिए जल संसाधन विभाग की एक टीम ने झुंझुनूं जिले के विभिन्न स्थानों पर सर्वे और निरीक्षण किया है।

अजीत सागर और कोट बांध को जोड़ने के प्रयास

परियोजना के तहत, खेतड़ी के अजीत सागर बांध और उदयपुरवाटी के कोट बांध की लोकेशन का भी अध्ययन किया गया है। जहां स्थिति अनुकूल मिलेगी, वहां नए रिजवायर बनाए जाएंगे। यह कदम क्षेत्र में जल संचयन को बढ़ावा देने और भविष्य में जल संकट से निपटने के लिए उठाया गया है।

मलसीसर के रिजवायर और उनकी भूमिका

मलसीसर में पहले से निर्मित दो रिजवायर भी इस परियोजना का हिस्सा हैं। ये रिजवायर कुम्भाराम लिफ्ट परियोजना के तहत एकत्रित पानी को इकट्ठा करते हैं। इस पानी का उपयोग आगे चलकर झुंझुनूं, खेतड़ी और अन्य स्थानों पर पीने के लिए किया जाता है।

अंतिम समझौते और भविष्य की योजनाएं

इस वर्ष 17 फरवरी को हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच यमुना जल के संबंध में एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत ताजेवाला हैडवर्क्स से राजस्थान में जल प्रवेश करेगा, जिससे चूरू, सीकर और झुंझुनूं जिलों को पेयजल मिलेगा। इस परियोजना से लगभग 70,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव हो सकेगी, जिससे क्षेत्र के विकास में नई गति मिलेगी।