योगी सरकार ने 2.94 लाख बिजली उपभोक्ताओं की बड़ाई टेन्शन, जरुरी विभागों को दिए बड़ी कार्रवाई के आदेश

उत्तर प्रदेश के 13.20 प्रतिशत उपभोक्ता पावर कॉरपोरेशन के लिए एक सिरदर्द बन चुके हैं। इन्होंने बिजली कनेक्शन मिलने के बाद एक बार भी बिजली बिल नहीं दिया है।
 

उत्तर प्रदेश के 13.20 प्रतिशत उपभोक्ता पावर कॉरपोरेशन के लिए एक सिरदर्द बन चुके हैं। इन्होंने बिजली कनेक्शन मिलने के बाद एक बार भी बिजली बिल नहीं दिया है। अब इनकी संख्या कम करने के लिए विभागीय अफसरों को चेतावनी दी जा रही है।

कॉरपोरेशन को राजस्व वसूली के लिए टीमें बढ़ानी पड़ रही हैं। प्रदेश में 3.25 करोड़ लोग बिजली उपभोक्ता हैं। अगस्त तक, 42.94 लाख उपभोक्ताओं ने कनेक्शन लेने के बाद से एक भी बिजली बिल नहीं जमा किया है। यह कुल उपभोक्ताओं का लगभग 13.20 प्रतिशत है।

विद्युत वितरण निगमवार स्थित पर नजर डालें तो इनमें से लगभग 20.63 प्रतिशत उपभोक्ता पूर्वांचल में रहते हैं। इसी प्रकार, मध्यांचल में 16.09 प्रतिशत, दक्षिणांचल में 10.95 प्रतिशत और पश्चिमांचल में 2.48 प्रतिशत उपभोगता हैं।

विशेष रूप से, केस्को में इनकी संख्या शून्य है। इसके बावजूद, कानपुर क्षेत्र जोन में ऐसे उपभोक्ता 12.52% हैं। जोनवार आंकड़ों में गाजियाबाद सबसे कम 0.77 है, जबकि मिर्जापुर सबसे अधिक 28.06 है ऐसे उपभोक्ता।

अब इन उपभोक्ताओं से पैसे वसूलने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए एक मासिक लक्ष्य निर्धारित है। इया लक्ष्य के पूरा ना होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है। यही कारण है कि यह उपभोक्ता विभागीय अफसरों के लिए एक सिरदर्द बन गए है।

सौभाग्य के बाद बढ़े बिल न देने वाले उपभोक्ता

प्रदेश में हर घर को बिजली देने के लिए 2017 में सौभाग्य योजना शुरू की गई। इसमें उपभोक्ताओं को निशुल्क कनेक्शन दिया गया। बीपीएल उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने के बारे में विभागीय अफसर समझा नहीं पाए।

तमाम उपभोक्ताओं को गलत तरीके से संदेश दे दिया गया कि उन्हें बिल नहीं देना पड़ेगा। अब यही वह उपभोक्ता हैं जिन्होंने कभी बिजली बिल जमा ही नहीं किया।

95 प्रतिशत घरेलू कनेक्शन

विभागीय अफसरों के मुताबिक कनेक्शन लेने के बाद कभी भी बिजली बिल जमा नहीं करने वाले कुल उपभोक्ताओं में 95 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता हैं। पांच फीसदी व्यवसायिक अथवा छोटे दुकानदार हैं। इन उपभोक्ताओं का बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट देना चाहिए था।

लेकिन कनेक्शन की संख्या कम न होने पाए। ऐसे में विभागीय अफसर कार्रवाई भी धीमी गति से करते हैं। 2020 में इनकी संख्या करीब 75 लाख थी, जो अब घटकर 42 लाख पर आ गई है। इनकी संख्या घटाने के लिए हर माह जोनवार लक्ष्य दिया जा रहा है।

पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल का कहना है कि कभी भी बिजली बिल नहीं देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार कम हो रही है। इसके लिए हर माह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रयास है कि ऐसे उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटने के बजाय बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जाए।

उम्मीद है कि कुछ समय बाद ऐसे उपभोक्ता खत्म हो जाएंगे। राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि कनेक्शन लेने के बाद कभी भी बिजली बिल नहीं देने वाले उपभोक्ताओं में ज्यादातर बीपीएल हैं। इन्हें सौभाग्य योजना में जबरदस्ती कनेक्शन दिया गया है।

इन्हें कनेक्शन के साथ ही फ्री बिजली देने की बात समझा दी गई। हालांकि विभाग की ओर से सौभाग्य योजना के उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने का नियम है। इसे घटाकर 1.5 रुपया प्रति यूनिट करने की मांग चल रही है।

जोनवार बिल न देने वाले उपभोक्ता

आपकी जानकारी के लिए बता दें की आंकड़ें जोनवार कुल उपभोक्ता के सापेक्ष एक बार भी बिल न देने वाले उपभोक्ताओं के आधार पर हैं। 

आजमगढ़ जोन 20.08 प्रतिशत
बस्ती जोन 24.28 प्रतिशत
गोरखपुर जोन 20.77 प्रतिशत
मिर्जापुर जोन 28.06 प्रतिशत
वाराणसी जोन 18.07 प्रतिशत
अयोध्या जोन 18.22 प्रतिशत
देवीपाटन जोन 24.65 प्रतिशत
लेसा सिस गोमती जोन 2.78 प्रतिशत
लेसा ट्रांस गोमती जोन 1.22 प्रतिशत
लखनऊ जोन 15.79 प्रतिशत
कानपुर जोन 12.52 प्रतिशत