यूपी में शराब पीने वालों के लिए योगी सरकार का नया फरमान, देशी शराब होगी महंगी और सड़क पर खड़े होकर बीयर पीने वालों के लिए बड़ा निर्णय

कैबिनेट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को लागू करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
 

कैबिनेट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को लागू करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके लिए मॉडल शॉप दुकानों, विदेशी मदिरा, बीयर, भांग की वार्षिक लाइसेंस फीस में 10 फीसद की वृद्धि की गई है।

लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और कोटा बढ़ाने से देशी शराब की बोतल की कीमत कम से कम सात रुपये बढ़ सकती है। साथ ही, एयरपोर्ट की तरह रेलवे स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम शराब की फुटकर दुकानों को खोला जा सकेगा। इसके लिए, हालांकि, रेल मंत्रालय और यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन से अनुमति लेनी होगी।

100 वर्ग फीट का अलग परिसर

नई नीति में सड़क पर खड़े होकर बीयर पीने की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है, अधिकारी राज्मंयत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया। ऑनलाइन आवेदन मिलने पर डीएम की मंजूरी के बाद जिला आबकारी अधिकारी बीयर दुकानों के लिए उपभोग की सुविधा जारी करेगा।

इसके लिए, दुकान की 20 मीटर की परिधि के अंदर कम से कम 100 वर्ग फीट का अलग क्षेत्र (परमिट रूम) होना चाहिए। 5 हजार रुपये प्रति वर्ष परमिट रूम सुविधा की लागत होगी। इसमें कैंटीन सुविधा नहीं होगी। 

लाइसेंस फीस में वृद्धि की गयी

इसके अलावा, बार लाइसेंसधारक के क्षेत्र से संबंधित भवन के किसी अन्य स्थान पर या टेरेस में अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम 2.50 लाख रुपये या लाइसेंस शुल्क का पांच प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। लाइसेंस और क्लब बार लाइसेंस की कीमतें कभी-कभी बढ़ी हैं।

पार्टी बार और समारोह बार लाइसेंस की अवधि 12 घंटे तक ही होगी और रात 12 बजे तक जारी रहेगी। टॉनिक वाटर और कॉकटेल मिक्सर्स सुपर मार्केट में बेचने के लिए अनुमन्य होंगे। लेकिन ऐसे नॉन एल्कोहलिक पेय पदार्थ, जिनके ब्रांड नाम, पैकिंग या लेबिल किसी मदिरा ब्रांड से मिलते-जुलते हों, उन्हें नहीं दिया जाएगा, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को भ्रम होगा।

ये भी नीति में खास

  • फुटकर दुकानों का आवंटन नवीनीकरण से होगा, जिसमें डिजिटल भुगतान की सुविधा होनी चाहिए।
  • नवीनीकरण के लिए किसी ब्रांड का ट्रेड मार्क पंजीकरण आवश्यक नहीं होगा।
  • ग्रेन ईएनए आधारित 42.8 प्रतिशत देशी मदिरा होगा। आप ट्रेटा और एसेप्टिक ब्रिक को कांच से पैक कर सकते हैं।
  • 60 और 90 एमएल की शीशे के अलावा सिरोंग पैक में भी premium विदेशी मदिरा मिलती है।
  • माइक्रो ब्रिवरी और बार लाइसेंस को एक साथ लेने पर पहले वर्ष में एक लाख की छूट मिलेगी।
  • वाइन केवल कांच की बोतलों और एल्युमिनियम कैन में मिलेगी। इसकी शादी की अवधि 9 महीने होगी।
  • तीन हजार रुपये से अधिक मूल्य वाले विदेशी मदिरा के स्कॉच और सिंगल मॉल्ट को भारत में प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • पुलिस या किसी अन्य संस्था द्वारा किसी भी फुटकर मदिरा, भांग या अन्य पदार्थों की दुकान को बंद या सील नहीं किया जा सकता।
  • पर्यटक बीयर फैक्ट्री, वाइनरी और डिस्टलरी देख सकेंगे। डिस्टलरी को पच्चीस हजार रुपये और बीयर फैक्ट्री को बीस हजार रुपये देना होगा।
  • देश में निर्मित वाइन, जिसमें साइडर और पेरी भी शामिल हैं, पर आयात कर परमिट।