राशन डिपो होल्डर के सामने राशन वितरण को लेकर आई ये बड़ी समस्या, लोगों को राशन बांटने में हो रही है परेशानी

आजकल राशन वितरण के लिए प्रयोग में लाई जा रही फोर जी तकनीक वाली नई ई-पोस मशीनें सही से काम नहीं कर रही हैं। इसके चलते राशन कार्डधारकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
 

आजकल राशन वितरण के लिए प्रयोग में लाई जा रही फोर जी तकनीक वाली नई ई-पोस मशीनें सही से काम नहीं कर रही हैं। इसके चलते राशन कार्डधारकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। लोगों को बिना राशन लिए अपने घरों को वापस जाना पड़ रहा है।

जिससे उनके जीवन में कठिनाइयों का सामना बढ़ गया है। कोटेदारों ने इस समस्या की शिकायत आपूर्ति विभाग से की है और खाद्य आयुक्त को इस समस्या के समाधान के लिए पत्र भी भेजा गया है। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

राशन वितरण में उत्पन्न यह समस्या जल्द से जल्द सुलझ जानी चाहिए ताकि हजारों परिवारों को उनका अधिकार मिल सके और वे भूखे न रहें। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि तकनीकी समाधानों को अपनाने से पहले उनकी पूर्ण जांच-परख और तैयारी अत्यंत आवश्यक होती है।

पुरानी प्रणाली की समस्याएं और नए समाधान की दिशा

जिले में आठ लाख परिवार राशन कार्ड के माध्यम से निश्शुल्क राशन प्राप्त कर रहे थे। पहले टू-जी तकनीक वाली ई-पोस मशीनें और पुराने कांटों का उपयोग किया जाता था। जिनमें अक्सर खराबी आ जाती थी और सर्वर भी डाउन हो जाता था।

इससे राशन वितरण में बाधा उत्पन्न होती थी। कार्डधारकों की शिकायतें भी थीं कि कोटेदार उन्हें कम राशन दे रहे हैं। इन समस्याओं के निवारण के लिए शासन ने फोर-जी तकनीक वाली नई ई-पोस मशीनें और ई-कांटे वितरित करने का निर्णय लिया।

तकनीकी समस्याओं का प्रभाव

नई ई-पोस मशीनों से राशन वितरण के दौरान डेटा दर्ज करने में समस्या आ रही है। ऑल इंडिया फेयर प्राइज शाप डीलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार मशीन में ब्योरा दर्ज करते समय 'अंग्रेजी भाषा में इम्प्रापर रिस्पांस', 'आधार आथेंटिकेशन स्टेटस फेल' जैसे संदेश आ रहे हैं। यह तकनीकी खामियां राशन वितरण में बाधा डाल रही हैं और इससे ज्यादातर कोटेदार प्रभावित हो रहे हैं।

प्रशासनिक कदम और भविष्य की दिशा

प्रशासन इस समस्या के प्रति सचेत हो गया है। जिलापूर्ति अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि नेशनल इंफारमेटिक्स सेंटर के साथ मिलकर इस समस्या के समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके अलावा खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त से मशीनों की जांच कराने और त्रुटियों को दूर करने की मांग की गई है।