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पेट्रोल और डीजल की तकनीक हुई पुरानी, अब इलेक्ट्रिक नही बल्कि नई तकनीक से चलेंगे वाहन

भारतीय वाहन उद्योग वर्तमान में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की अवस्था से गुजर रहा है जहाँ परंपरागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति भी उपभोक्ताओं का रुझान कम होता जा रहा है.
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Hybrid Car: भारतीय वाहन उद्योग वर्तमान में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की अवस्था से गुजर रहा है जहाँ परंपरागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति भी उपभोक्ताओं का रुझान कम होता जा रहा है. इसके बजाय उपभोक्ता अब ऐसे ऑप्शन की तलाश रहे हैं जो न केवल लक्जरी लाइफ जिए बल्कि टिकाऊ भी हों.

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ग्राहकों की बदलती पसंद

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार एक बड़ी संख्या में ग्राहक अब प्रीमियम मॉडल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और हाइब्रिड वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. इस सर्वेक्षण में 3,500 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे पता चलता है कि उपभोक्ता अधिक टिकाऊ और लक्जरी विकल्पों की खोज कर रहे हैं.

हाइब्रिड वाहनों की बढ़ती मांग

सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि हाइब्रिड वाहन भविष्य में ईवी की स्वीकार्यता के लिए एक पुल का काम कर रहे हैं. उपभोक्ता इन वाहनों को इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि ये ईवी की तुलना में अधिक विश्वसनीय और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं. यह रुझान दर्शाता है कि उपभोक्ता अब अधिक मजबूत ईवी बुनियादी ढांचे और प्रोत्साहनों के इंतजार में हैं.

त्योहारी सीजन में वाहन बिक्री

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के भागीदार साकेत मेहरा के अनुसार, त्योहारी सीजन भारतीय वाहन उद्योग के लिए बिक्री में एक बड़ी हिस्सेदारी रखता है, जिसमें सालाना बिक्री का 30-40 प्रतिशत योगदान होता है. इस दौरान वाहन निर्माताओं को ग्राहकों की पसंदीदा मॉडल और छूट प्रदान करने के साथ ही नई लांचिंग कर उन्हें लुभाने की आवश्यकता होती है.