Army Canteen: बाजार में तो महंगा है फिर आर्मी कैंटीन में सस्ता कैसे मिलता है सामान, जाने सस्ते में बेचकर कंपनियां कैसे करती है कमाई
हमारे देश के जवान हर पल बॉर्डर पर खडे़ रहकर देश की रक्षा करते हैं। हम चाह कर भी कभी उनका यह एहसान नहीं चुका पाएंगे। लेकिन हमारे देश की सरकार देश के वीर जवानों को कई ऐसी सुविधा उपलब्ध कराती है, जिससे उन्हें और उनके परिवार वालों को काफी राहत मिल पाती है।
इन्हीं सुविधाओं में से आपने आर्मी कैंटीन की सुविधा के बारे में जरूर सुना होगा। आर्मी कैंटीन देश के वीर जवानों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है।
यह न केवल आर्थिक राहत प्रदान करती है बल्कि उन्हें सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का अवसर भी देती है। देश की रक्षा में लगे हमारे जवानों को यह छोटी सी सुविधा उनकी बड़ी सेवाओं के लिए एक छोटा सा सम्मान है।
कम दाम में बेहतर सामान
आर्मी कैंटीन में मिलने वाला सामान बाजार के मुकाबले काफी कम दाम में मिलता है। यहां से आप ग्रोसरी आइटम, किचन अप्लायंस, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, ऑटोमोबाइल और यहां तक कि शराब भी खरीद सकते हैं।
आपने यहां के बारे में यह बात जरूर सुनी होगी कि मार्केट में मिलने वाले सामान के मुकाबले यहां काफी कम रेट पर कोई भी सामान मिल जाता है। आप चाहें तो यहां से कार व बाइक भी खरीद सकते हैं, जिसमें आपको अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है।
क्या एक आम आदमी भी कर सकता है खरीदारी?
लेकिन सवाल यह है कि आखिर आर्मी कैंटीन में मिलने वाला सामान कितना सस्ता है और क्या एक आम आदमी भी यहां से सामान खरीद सकता है? इसका जवाब यह है कि आर्मी कैंटीन का उपयोग केवल भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवार वालों के लिए होता है। आम नागरिकों को यहां से सामान खरीदने की अनुमति नहीं है।
आर्मी कैंटीन कहाँ-कहाँ हैं?
लेह से लेकर अंडमान एंड निकोबार तक आर्मी कैंटीन के कुल 33 डिपो हैं और 3700 के आसपास यूनिट रन कैंटीन्स (Unit Run Canteens) हैं। दरअसल जिसे आप आर्मी कैंटीन कहते हैं, उन्हें असल में कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (Canteen Stores Department) कहा जाता है। यहां पर भारतीय सेना के जवानों व उनके परिवार वालों के लिए काफी सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध होता है।
सस्ता सामान के पीछे का कारण
अब बात करें कि आखिर आर्मी कैंटीन यानी कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट में सामान इतने सस्ते कैसे मिलते हैं? तो इसका सीधा सा जवाब है कि यहां पर मिलने वाले सामानों पर सेना को जवानों से हर एक आइटम पर केवल 50 प्रतिशत टैक्स ही लिया जाता है।
मान लीजिए कि आपको अगर कोई सामान लेने पर 18% टैक्स देना पड़ता है, तो आर्मी कैंटीन में आपको वह आईटम 9% टैक्स के साथ ही मिल जाएगा। यहां पर मिलने वाले सामानों पर केवल 50 प्रतिशत टैक्स लगने के कारण ही यहां सामान मार्केट के मुकाबले सस्ते मिलते हैं।
खरीदारी की लिमिट
पहले आर्मी कैंटीन से कार्ड के जरिए कोई भी व्यक्ति कितना भी सामान खरीद सकता था। ऐसे में आर्मी बैग्राउंड वाले लोगों के रिश्तेदार व दोस्त ही इतना सामान खरीद लेते थे कि सेना के जवानों व उनके परिवार वालों को ही यहां पर मिलने वाला सस्ता सामान नहीं मिल पाता था।
इसी को देखते हुए कैंटीन में मिलने वाले समानों पर लिमिट लगाई गई। जिसके बाद एक व्यक्ति हर महीने एक लिमिट में ही सामान खरीद सकता है। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि हर जवान और उनके परिवार को इस सुविधा का लाभ मिल सके।