दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा द्वारका एक्सप्रेसवे, NCR समेत इन लोगों को होगा तगड़ा फायदा
द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एनएच 248ए (गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड रोड) पर वाटिका चौक के पास क्लोवरलीफ बनाने की प्राथमिक मंजूरी गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) को दे दी है।
इस योजना से यातायात को सुगम बनाने और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को आसानी से जोड़ने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने की यह योजना गुरुग्राम के यातायात को सुगम बनाएगी और एसपीआर, एनएच248ए और एनएच-48 पर यातायात का दबाव कम करेगी।
इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी। योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद गुरुग्राम के विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बैठक में मिली मंजूरी
सोमवार को एनएचएआई अध्यक्ष संतोष कुमार यादव की अध्यक्षता में दिल्ली स्थित एनएचएआई मुख्यालय में बैठक हुई। इसमें एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद सैफी, परियोजना अधिकारी योगेश तिलक, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए. श्रीनिवास, मुख्य अभियंता अरुण धनखड़, राजेश बंसल और कार्यकारी अभियंता विकास मलिक शामिल थे। इस बैठक में एनएच248ए पर वाटिका चौक के समीप क्लोवरलीफ बनाने की मंजूरी दी गई।
यातायात का दबाव होगा कम
जीएमडीए की योजना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे और एनएच-48 को जोड़ने वाले क्लोवरलीफ से वाटिका चौक तक एलिवेटेड रोड बनाया जाए। इससे एनएच248ए, एसपीआर (साउथर्न पेरिफेरल रोड) और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड पर यातायात का दबाव कम होगा।
इससे रोजाना हजारों वाहन चालकों को लाभ मिलेगा, जो कि गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड या द्वारका एक्सप्रेसवे से एसपीआर के माध्यम से वाटिका चौक तक पहुंचते हैं।
5.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड
एनएचएआई अध्यक्ष को बताया गया कि द्वारका एक्सप्रेसवे से एनएच 248ए को जोड़ने के लिए करीब 5.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाने की योजना है। इसके बनने के बाद द्वारका एक्सप्रेसवे, एनएच-48 और एनएच248ए आपस में जुड़ जाएंगे। इससे गुड़गांव-सोहना रोड पर यातायात का दबाव भी कम होगा।
सलाहकार कंपनी को एस्टीमेट की जिम्मेदारी
एनएचएआई से प्राथमिक मंजूरी मिलने के बाद जीएमडीए एक सलाहकार कंपनी को एलिवेटेड रोड और क्लोवरलीफ निर्माण का एस्टीमेट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपेगी। जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि इसका डिजाइन तीन महीने के अंदर तैयार हो जाएगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री के समक्ष जीएमडीए अथॉरिटी की बैठक में इस मामले को रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा।
साउथर्न पेरिफेरल रोड की बदतर स्थिति
वर्तमान में साउथर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) की स्थिति बहुत खराब है। द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जाने वाले वाहन चालकों को इस खराब सड़क को पार करने में 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है।
यातायात दबाव अधिक होने के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। एसपीआर पर सेक्टर-68 से 79 तक विकसित हैं, जहां करीब 20 हजार परिवार रह रहे हैं। सुबह और शाम के समय यहां यातायात का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति बन जाती है।
टोल शुल्क का मामला
बैठक में टोल शुल्क का मामला भी उठा। एनएचएआई अध्यक्ष ने कहा कि एनएच248ए पर गांव घामडौज के समीप टोल प्लाजा है। टोल शुल्क को लेकर आपत्तियां उठ सकती हैं। जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि एनएचएआई की तरफ से सेटेलाइट आधारित टोल लगाए जा रहे हैं।
इससे प्रति किलोमीटर के हिसाब से निर्धारित रेट के मुताबिक वाहन चालकों को टोल शुल्क देना होगा, जिससे किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी।