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गिफ्ट और वसीयत में मिलने वाली प्रॉपर्टी पर कितना लगता है टैक्स, जाने क्या कहता है भारत का कानून

अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि गिफ्ट और विल में क्या अंतर होता है? गिफ्ट और विल दोनों ही संपत्ति के हस्तांतरण के तरीके हैं लेकिन इन दोनों के उद्देश्य और प्रक्रिया में अंतर होता है।
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अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि गिफ्ट और विल में क्या अंतर होता है? गिफ्ट और विल दोनों ही संपत्ति के हस्तांतरण के तरीके हैं लेकिन इन दोनों के उद्देश्य और प्रक्रिया में अंतर होता है। आइए जानते हैं कि गिफ्ट और विल क्या होते हैं और इनमें क्या अंतर है।  गिफ्ट और विल दोनों ही संपत्ति के हस्तांतरण के तरीके हैं लेकिन इनमें प्रक्रिया और उद्देश्य का अंतर है।

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गिफ्ट स्वैच्छिक होता है और तुरंत प्रभाव से संपत्ति का हस्तांतरण करता है जबकि वसीयत व्यक्ति की मृत्यु के बाद संपत्ति के वितरण की प्रक्रिया को दर्शाती है। दोनों ही तरीकों के तहत मिलने वाली संपत्ति पर भारत में टैक्स फ्री की स्थिति होती है बशर्ते कि वे सही तरीके से किए गए हों।

क्या है गिफ्ट या उपहार

गिफ्ट या उपहार एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा अपनी चल या अचल संपत्ति को बिना किसी प्रतिफल के दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जाता है। यह एक स्वैच्छिक प्रक्रिया होती है जिसमें गिफ्ट देने वाला व्यक्ति जिसे दाता (Donor) कहा जाता है अपनी संपत्ति का निःशुल्क हस्तांतरण करता है। प्राप्तकर्ता (Donee) को यह गिफ्ट बिना किसी शर्त के मिलता है।

कौन होता है डोनर और डोनी

गिफ्ट देने की प्रक्रिया में दाता (Donor) वह व्यक्ति होता है जो संपत्ति का हस्तांतरण करता है और प्राप्तकर्ता (Donee) वह होता है जो इस संपत्ति को स्वीकार करता है। गिफ्ट तभी मान्य होता है जब प्राप्तकर्ता इसे स्वीकार कर लेता है। 

तुरंत बदल जाता है स्वामित्व

गिफ्ट देने के बाद संपत्ति का स्वामित्व तुरंत बदल जाता है। जैसे ही दाता अपनी संपत्ति को गिफ्ट करता है और प्राप्तकर्ता इसे स्वीकार करता है संपत्ति का स्वामित्व प्राप्तकर्ता के पास चला जाता है।

चल संपत्ति और अचल संपत्ति दोनों ही गिफ्ट के माध्यम से हस्तांतरित की जा सकती हैं। अचल संपत्ति के मामले में गिफ्ट का पंजीकरण (Registration of a Gift Deed) अनिवार्य होता है।

गिफ्ट पर क्या लगेगा टैक्स?

गिफ्ट पर इनकम टैक्स लगता भी है और नहीं भी लगता है। अगर गिफ्ट माता-पिता दादा-दादी नाना-नानी भाई-बहन से मिला है तो यह टैक्स फ्री होता है। शादी में मिले उपहार भी टैक्स फ्री होते हैं। आम दिनों में मिले उपहार पर टैक्स लागू होता है।

कोई भी व्यक्ति साल में 50 हजार रुपये तक के उपहार बिना टैक्स के ले सकता है। इसके बाद मिले उपहार पर टैक्स उसी दर से लगेगा जिस टैक्स ब्रैकेट में वह व्यक्ति आता है।

क्या है वसीयत या विल

वसीयत (Will) एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति के वितरण की इच्छाओं को रेखांकित करता है। वसीयत बनाने वाला व्यक्ति जिसे वसीयतकर्ता (Testator) कहा जाता है।

एक निष्पादक (Executor) को नामित करता है जो वसीयत को लागू करने का कार्य करता है। वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद ही वसीयत में लिखी संपत्ति लाभार्थी को हस्तांतरित की जाती है।

वसीयत की संपत्ति मिलेगी बशर्ते

वसीयत की संपत्ति वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद ही प्राप्त होती है। वसीयतकर्ता अपनी वसीयत को रद्द संशोधित आदि कर सकता है चाहे वह रजिस्टर्ड क्यों न हो। 

किसे कर सकते हैं वसीयत

वसीयत में संपत्ति किसी भी व्यक्ति को दी जा सकती है। वसीयतकर्ता अपनी पूरी या आंशिक संपत्ति किसी रिश्तेदार या गैर-रिश्तेदार को दे सकता है। भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के तहत इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

मुस्लिम कानून में क्या है?

मुस्लिम कानून (Mohammedan Law) के तहत कोई भी मुसलमान अपनी संपत्ति का केवल एक तिहाई हिस्सा ही वसीयत कर सकता है। यदि वसीयत एक तिहाई से अधिक संपत्ति के लिए बनाई जाती है तो कानूनी उत्तराधिकारियों की सहमति आवश्यक होती है।

वसीयत से मिली संपत्ति पर टैक्स लगेगा?

भारत में वसीयत के माध्यम से प्राप्त संपत्ति टैक्स फ्री होती है। हालांकि कई देशों में यह विरासत कर के तहत टैक्सेबल होती है। भारत में विरासत कर को समाप्त कर दिया गया है इसलिए वसीयत के माध्यम से प्राप्त संपत्ति पर टैक्स नहीं लगता।