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भारत में सैटेलाइट नेटवर्क को लेकर सरकार ने दिया परमिसन, रिचार्ज की कीमतों में आएगी गिरावट

भारतीय डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सेवा यूजर्स के लिए बड़ी खबर आई है। सरकार ने एक नई पॉलिसी की घोषणा की है जिससे न केवल स्थानीय उपभोक्ताओं को लाभ होगा बल्कि डीटीएच सर्विस प्रवाइडर कंपनियां भी काफी फायदे में रहेंगी।
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भारतीय डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सेवा यूजर्स के लिए बड़ी खबर आई है। सरकार ने एक नई पॉलिसी की घोषणा की है जिससे न केवल स्थानीय उपभोक्ताओं को लाभ होगा बल्कि डीटीएच सर्विस प्रवाइडर कंपनियां भी काफी फायदे में रहेंगी। इस नई नीति के अनुसार विदेशी सैटेलाइट ऑपरेटरों को भी भारत में अपने लोकल यूनिट्स स्थापित करने की अनुमति दी जा रही है जो कि अप्रैल 2025 से लागू होगी।

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क्या हैं इस नई पॉलिसी के फायदे?

इस नीतिगत परिवर्तन से विदेशी कंपनियों को आसानी से भारतीय बाजार में प्रवेश करने का मौका मिलेगा। इससे जियो, एयरटेल जैसी देशी कंपनियों को भी लाभ होगा क्योंकि वे सस्ते में सैटेलाइट नेटवर्क प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा यह स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए भी सुविधाजनक होगा क्योंकि अब वे आसानी से विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सैटेलाइट सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

मुद्रा परिवर्तन के साथ लागत में कमी

अब तक DTH सेवाओं के लिए विदेशी सैटेलाइट का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को डॉलर में भुगतान करना पड़ता था। नई नीति के तहत ये कंपनियां अब भारतीय रुपये (INR) में भुगतान कर सकेंगी जिससे उन्हें मुद्रा विनिमय दरों और विभिन्न अन्य टैक्सों से बचत होगी। इससे डीटीएच सेवाओं की लागत में कमी आएगी जो सीधे उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

प्रमुख वैश्विक सैटेलाइट

SES, AsiaSat, Intelsat और Measat जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां पहले से ही भारतीय कंपनियों को सैटेलाइट नेटवर्क मिलता हैं। इनमें टीवी ब्रॉडकास्टर और डीटीएच ऑपरेटर शामिल हैं। नई नीति से इन कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में अपने ऑपरेशंस को विस्तारित करने और सेवाओं की लागत को कम करने का मार्ग खुलेगा।

सरकारी योजना

इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन और ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) की मंजूरी के साथ विदेशी कंपनियों को भारत में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए निश्चित दिशानिर्देश मिलेंगे। अप्रैल 2025 तक इस प्रक्रिया को पूरा करने की डेडलाइन सेट की गई है जिससे नए विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार अधिक आकर्षक बनेगा।