किसानों भाइयों के लिए वरदान बनेगी सरसों की ये नई किस्म, 7 फीसदी ज्यादा तेल देती है ये सरसों की किस्म
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSAU) के वरिष्ठ बीज जनक डॉ. महक सिंह ने हाल ही में सरसों की एक नई किस्म केएमआरएल 17-5 विकसित की है जिसमें सात प्रतिशत अधिक तेल और 7.81 प्रतिशत अधिक पैदावार की क्षमता है. यह प्रजाति न केवल तेल की ज्यादा मात्रा के लिए बल्कि अपनी तेजी से बढ़ने की क्षमता के लिए भी जानी जाएगी जिससे यह किसानों के लिए एक बढ़िया फसल बन जाती है.
पर्यावरणीय अनुकूलता और विस्तृत परीक्षण
इस प्रजाति का परीक्षण (testing new crop varieties) भारत के 15 राज्यों में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में किया गया है. इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह प्रजाति विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में भी अच्छी तरह से उग सकती है. इसके अलावा यह रोग और कीट से मुक्त (pest resistant mustard) होने का भी दावा किया जा रहा है जो इसे किसानों के लिए और भी कीमती बनाता है.
किसानों के लिए आर्थिक लाभ
इस प्रजाति के विकास से किसानों को कई तरह के आर्थिक लाभ (economic benefits for farmers) होंगे. अधिक तेल और अधिक पैदावार का मतलब है कि किसान अपनी उत्पादकता बढ़ा सकेंगे, जिससे उनकी आय में सुधार होगा. इस प्रजाति को उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रमाणित कर दिया है, और जल्द ही इसे भारत सरकार से बीज बिक्री के लिए नोटिफिकेशन मिलने की उम्मीद है.