गेंहु की बुवाई करने से पहले जरुर कर लेना ये काम, इन बातों का रखे खास ध्यान

Wheat Sowing Tips: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जहां धान की कटाई संपन्न हो चुकी है वहीं कुछ जगहों पर अभी भी कटाई जारी है. धान की कटाई के समाप्त होते ही रबी सीजन शुरू हो जाता है जिसमें गेहूं की फसल को मुख्य फसल के रूप में बोया जाता है.
कृषि विशेषज्ञ की सलाह
रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी कृषि अधिकारी शिव शंकर वर्मा ने किसानों को गेहूं की बुवाई के समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की सलाह दी है. वे कहते हैं कि खेत को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए और दोमट मिट्टी में जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
खेती की तैयारी और उपयुक्त मिट्टी
वर्मा के अनुसार, खेत की अच्छी तरह जुताई करने के बाद उसे समतल करना चाहिए ताकि जल निकासी सही रहे और बीजों को उचित नमी मिल सके. मिट्टी की जांच करवाना और जैविक खाद का उपयोग करना भी उनके सुझावों में शामिल है.
बुवाई का सही समय और तकनीक
गेहूं की बुवाई के लिए अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य तक का समय उपयुक्त बताया गया है. बीजों को प्रमाणित बीज बनाने और उचित गहराई पर बोने की सलाह दी गई है. शिव शंकर वर्मा ने कहा कि बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशकों से उपचारित करना चाहिए.
उर्वरक प्रबंधन और सिंचाई
उन्होंने उर्वरक प्रबंधन पर विशेष जोर दिया और कहा कि फसल की बेहतर वृद्धि के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, उन्होंने सिंचाई की उचित योजना बनाने की भी सिफारिश की, जिससे फसल को जरूरी पानी मिल सके.