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डेयरी फार्म खोलने पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, जाने कैसे कर सकते है आवेदन

भारत सरकार किसानों को न केवल खेती बल्कि पशुपालन की दिशा में भी प्रोत्साहित कर रही है. इस पहल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और युवाओं को स्वरोजगार (Self-employment) के नए अवसर दिए जा रहे हैं.
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Mini Dairy Scheme: भारत सरकार किसानों को न केवल खेती बल्कि पशुपालन की दिशा में भी प्रोत्साहित कर रही है. इस पहल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और युवाओं को स्वरोजगार (Self-employment) के नए अवसर दिए जा रहे हैं. इसके लिए, मिनी डेयरी और हाईटेक डेयरी योजनाओं को चालू किया गया है जिसमें 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है.

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मिनी डेयरी योजना के लाभ (Mini Dairy Scheme Benefits)

मिनी डेयरी योजना के अंतर्गत, किसान 10 दुधारू पशुओं तक की डेयरी खोल सकते हैं, जिस पर उन्हें 25 प्रतिशत का अनुदान (Grant) मिलता है. विशेष रूप से, अनुसूचित जाति के लोगों को दो या तीन पशुओं की डेयरी पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है. इसके अलावा प्राकृतिक खेती (Organic Farming) करने वाले किसानों को देसी गायों के लिए प्रति गाय 30 हजार रुपये का वार्षिक अनुदान भी मिलता है.

हरियाणा में सब्सिडी पर डेयरी योजना (Haryana Dairy Subsidy Scheme)

हरियाणा राज्य सरकार ने एडवांस डेयरी खोलने के लिए एक आकर्षक सब्सिडी योजना प्रदान की है. इस योजना के तहत किसान जो एडवांस डेयरी खोलना चाहते हैं, उन्हें ब्याज दर में छूट के साथ बैंक लोन (Bank Loan) दिया जाता है. यह ब्याज राशि लोन की लागत के 75 प्रतिशत के बराबर होती है जिसे 5 साल तक दिया जाता है.

आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया (Required Documents and Application Process)

डेयरी खोलने के लिए आवेदन करते समय किसानों को विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जिनमें एग्रीमेंट डीड (Agreement Deed), शपथ पत्र, आयु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड (Aadhar Card), पैन कार्ड (PAN Card) और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. इन दस्तावेजों के साथ, सरपंच और पटवारी की रिपोर्ट भी जरूरी होती है.

हरियाणा में आवेदन कैसे करें (How to Apply in Haryana)

हरियाणा के किसान और युवा जो डेयरी खोलने की इच्छा रखते हैं, वे अपने नजदीकी पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं. यहां से उन्हें योजना के बारे में सभी आवश्यक जानकारी मिल जाएगी और वे आवेदन भी कर सकते हैं. आवेदन के बाद दस्तावेजों की जांच की जाती है और यदि सभी डॉक्यूमेंट सही पाए जाते हैं तो आवेदक को सब्सिडी का लाभ मिलता है.