भारत के 10 भूतिया रेल्वे स्टेशन जहां सफर करने से भी डरते है लोग, शाम के बाद लोगों को सुनाई देती है अजीबोगरीब आवाजें
पैरानॉर्मल ऐक्टिविटीज की चर्चा होते ही लोगों को पूराने किलों और इमारतों के बारे में ख्याल आता है। लेकिन यहां हम आपको भारत के कुछ रेलवे और मेट्रो स्टेशनों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे लोगों का कहना है कि यहां पैरानॉर्मल ऐक्टिविटीज को महसूस किया जा सकता है। हालांकि विज्ञान इन बातों को स्वीकार नहीं करता है लेकिन लोगों के मन में इन्हें लेकर कई तरह के ख्यालात आते हैं।
बड़ोग स्टेशन, हिमाचल प्रदेश
चीड़ और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ बड़ोग हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। यह टूरिस्ट्स के बीच ज्यादा फेमस नहीं है लेकिन इसकी खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है।
लेकिन बड़ोग रेलवे स्टेशन और सुरंग की कहानी बेहद डरावनी है। कहा जाता है कि बड़ोग स्टेशन के बगल में स्थित टनल नंबर 33 के पास अक्सर ही पैरानॉर्मल एक्टिविटीज देखी जाती हैं।
बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित बेगुनकोडोर रेलवे रेलवे भूतिया कहानियों के कारण 42 सालों तक बंद था। साल 1960 में खुले इस स्टेशन पर शाम ढ़लने के बाद लोग आज भी जाने से डरते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के स्टेशन मास्टर ने एक रात पटरियों के बीच एक लड़की के साये को देखा था।
इसके कुछ दिनों के बाद स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से यह स्टेशन बंद था और फिर साल 2009 में खुला।
चित्तूर रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के इस स्टेशन को लेकर भी भूतिया कहानियां प्रचलित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेशन पर आरपीएफ और टीटीई ने मिलकर सीआरपीएफ के एक जवान की खूब पिटाई कर दी थी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद से उस सीआरपीएफ जवान की आत्मा न्याय के लिए स्टेशन भर भटकती है।
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन, दिल्ली
दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के बारे में लोगों का दावा है कि यहां रात को अक्सर ही गाड़ियों के पीछे एक महिला का साया दिखाई देता है। यही वजह है कि लोग देर रात इस मेट्रो स्टेशन पर जाने से बचते हैं।
लुधियाना स्टेशन, पंजाब
लुधियाना स्टेशन के एक काउंटर के बारे में लोगों का कहना है कि उन्होंने वहां पैरानॉर्मल ऐक्टिविटीज महसूस किया है। दावा किया जाता है कि यहां के रिजर्वेशन काउंटर पर एक सुभाष नाम का व्यक्ति बैठता था।
वह काम से बेइंतहा प्यार करता था। इसी वजह से उसकी मौत के बाद उस कमरे में जो भी काम करने के लिए गया, उसे तमाम परेशानियों से जूझना पड़ा।
मुलुंड रेलवे स्टेशन, मुंबई
मुंबई के मुलुंड स्टेशन के बारे में भी यात्रियों और स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें यहां रात में किसी के चीखने, चिल्लाने और रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। दावा है कि यहां उन लोगों की आत्माएं हैं, जो रेलवे ट्रैक को पार करते समय किसी हादसे का शिकार हो गए थे।
नैनी रेलने स्टेशन, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित नैनी रेलवे स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यहां पर अक्सर रात के समय स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर कुछ अजीब सी चीजें देखने को मिलती हैं। ऐसी कहानी है कि स्टेशन के पास स्थित नैनी जेल में बहुत सारे फ्रीडम फाइटर्स बंद थे, जिन्हें खूब टॉर्चर किया जाता था और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी।
पातालपानी रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में खंडवा के पास स्थित इस रेलवे स्टेशन को भी हॉन्टेड माना जाता है। कहा जाता है कि अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानी टंट्या मामा भील को मारकर फेंक दिया था।
आज भी अगर कोई ट्रेन यहां से गुजरती है तो ट्रेन को उनकी समाधि के पास रोककर उन्हें सलामी दी जाती है और इसके बाद ही ट्रेन आगे बढ़ती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अगर ट्रेन रुककर सलामी न दे तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है।
रविंद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन, पश्चिम बंगाल
कोलकाता के इस मेट्रो स्टेशन को लेकर पैरानॉर्मल ऐक्टिविटीज की कहानियां फेमस हैं। यहां रात साढ़े 10 बजे अंतिम मेट्रो चलती है उसके बाद स्टेशन वीरान हो जाता है।
कई बार लोगों ने महसूस किया है कि यहां अचानक ही कोई साया ट्रैक के बीच प्रकट होता है और पलक झपकते गायब हो जाता है। इस मेट्रो स्टेशन पर कई लोग जान भी दे चुके हैं।
सोहागपुर रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के सोहागपुर रेलवे स्टेशन के बारे में ये कहा जाता है कि रात में यहां एक महिला के चीखने और कई तरह की अजीब आवाजें सुनाई देती हैं। रात में स्टेशन में बिलकुल सुनसान हो जाता है और सिर्फ दो चार लोग ही दिखाई देते हैं।