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पूर्वोत्‍तर रेलवे के इस रूट का दोहरीकरण के लिए मिले 130 करोड़, इस साल सभी लाइनों को ब्राड गेज करने का है टारगेट

पूर्वोत्तर रेलवे (NE Railway) के विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब तक छोटी लाइनों (Meter Gauge) पर चल रही गाड़ियां जल्द ही ब्रॉडगेज (Broad Gauge) में परिवर्तित हो जाएंगी।
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lines will be broad gauge
   

पूर्वोत्तर रेलवे (NE Railway) के विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब तक छोटी लाइनों (Meter Gauge) पर चल रही गाड़ियां जल्द ही ब्रॉडगेज (Broad Gauge) में परिवर्तित हो जाएंगी। इस बदलाव से न केवल ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी बल्कि यात्रियों को अधिक सुविधाएं और बेहतर सेवाएं भी प्राप्त होंगी।

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पूर्वोत्तर रेलवे की इन पहलों से न केवल रेलवे की आधारभूत संरचना मजबूत होगी बल्कि यात्री और माल परिवहन सेवाओं में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, पर्यटन को बढ़ावा देने और इतिहास के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। इस प्रकार, पूर्वोत्तर रेलवे नवीनीकरण और विकास की एक नई राह पर अग्रसर है।

बजट में आवंटन और विकास

हाल ही में पेश बजट में पूर्वोत्तर रेलवे की सभी लाइनों को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस वित्तीय सहायता से इंदारा-दोहरीघाट, बहराइच-नानपारा और कप्तानगंज-थावे जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर ब्रॉडगेज की लाइनें बिछाई जाएंगी।

पर्यटन को बढ़ावा और इतिहास का संरक्षण

मैलानी-नानपारा लाइन, जो दुधवा नेशनल पार्क से होकर गुजरती है, को पर्यटन क्षेत्र के लिए विशेष रूप से संरक्षित किया गया है। इस निर्णय से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि अंग्रेजों के समय की रेल विरासत का संरक्षण भी होगा।

गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रूट का दोहरीकरण

गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रूट के दोहरीकरण के लिए 310 करोड़ रुपये की भारी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस निवेश से रेल सेवाओं में सुधार होगा और यात्रा समय में कमी आएगी। इस प्रकार, इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर रेल सेवाएं प्राप्त होंगी।

मीटर और ब्रॉडगेज के बीच का अंतर

मीटर गेज और ब्रॉडगेज के बीच का अंतर सिर्फ रेल की पटरियों की चौड़ाई में ही नहीं है, बल्कि इससे ट्रेनों की गति और क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। ब्रॉडगेज की पटरियां चौड़ी होने के कारण ट्रेनें अधिक तेजी और सुरक्षा के साथ चल सकती हैं।