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होली के त्यौहार पर काशी में हुई 175 करोड़ शराब की बिक्री, पिछले साल की तुलना में 75 प्रतिशत ज़्यादा हुई खपत

होली रंगों का त्योहार है जो खुशियां और उल्लास लेकर आता है। इस बार भी अपने साथ खुशियों की बहार लेकर आया। मगर इस खुशी के मौके पर कुछ ऐसी घटनाएँ भी घटित हुईं, जिन्होंने चिंता की लकीरें खींच दीं।
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होली रंगों का त्योहार है जो खुशियां और उल्लास लेकर आता है। इस बार भी अपने साथ खुशियों की बहार लेकर आया। मगर इस खुशी के मौके पर कुछ ऐसी घटनाएँ भी घटित हुईं, जिन्होंने चिंता की लकीरें खींच दीं। होली का त्योहार हमें खुशियां मनाने का मौका तो देता है।

मगर इसके साथ ही यह हमें यह भी सिखाता है कि खुशियां मनाने के चक्कर में हमें अपनी और अपने समाज की सुरक्षा को नहीं भूलना चाहिए। उत्सव मनाएं मगर सुरक्षित रहें और दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें।

शराब की खपत में जबरदस्त वृद्धि

होली पर्व के दौरान शराब और बीयर की खपत में 75 प्रतिशत की अधिक वृद्धि देखने को मिली, जिसने लगभग 175 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा छू लिया। जिला आबकारी अधिकारी ओमवीर सिंह द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस वृद्धि की पुष्टि करते हैं। इस तेजी से बढ़ती खपत ने समाज में एक चिंता का विषय भी पैदा किया है।

सड़क हादसों में वृद्धि

होली के जश्न में डूबे लोगों द्वारा तेज रफ्तार में वाहन चलाने के कारण सड़क हादसों में वृद्धि हुई। 50 से अधिक लोग इन हादसों में घायल हुए और उन्हें बीएचयू समेत विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए लाया गया। इससे समझा जा सकता है कि होली पर उत्सव की आड़ में सुरक्षा के प्रति लापरवाही किस हद तक जा सकती है।

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अस्पतालों पर बढ़ा दबाव

होली के दिन शहर और ग्रामीण इलाकों में उत्सव की धूम के बीच कई लोग विभिन्न बीमारियों और चोटों के कारण अस्पतालों का रुख कर रहे थे। बीएचयू ट्रामा सेंटर, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर जैसे इमरजेंसी विभाग 35 साल से कम उम्र के चोटिल युवाओं और किशोरों से भरे पड़े थे। इससे अस्पतालों पर दबाव बढ़ा और स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान आया।

समाज में चिंता का विषय

यह सब देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या हमारे त्योहारों का जश्न मनाने का तरीका सही है? क्या हमें अपनी खुशियों के साथ-साथ समाज और अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति भी जागरूक होना चाहिए? होली जैसे त्योहारों पर खुशियां मनाने के साथ-साथ सुरक्षा और समझदारी का भी ख्याल रखना चाहिए।