home page

हरियाणा में इस जगह खुदाई पर मिली 2200 साल पुरानी पक्की ईंटों की दीवार, महाभारत काल से जुड़ा हो सकता है इतिहास

हरियाणा के करनाल जिले में स्थित सालवन गांव (Salwan Village) में एक प्राचीन और ऐतिहासिक खोज की गई है। महाभारत कालीन तीर्थ दशाश्वमेध के जीर्णोद्धार (Renovation) के दौरान यहां एक प्राचीन ईंटों की दीवार...
 | 
restoration work on dashashwamedh
   

हरियाणा के करनाल जिले में स्थित सालवन गांव (Salwan Village) में एक प्राचीन और ऐतिहासिक खोज की गई है। महाभारत कालीन तीर्थ दशाश्वमेध के जीर्णोद्धार (Renovation) के दौरान यहां एक प्राचीन ईंटों की दीवार (Ancient Brick Wall) मिली है।

जिसे विशेषज्ञों ने कुषाण काल (Kushan Era) की बताया है। यह खोज न केवल करनाल बल्कि पूरे हरियाणा के लिए गौरव की बात है। सालवन गांव में हुई यह खोज न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

यह खोज हमें हमारे प्राचीन इतिहास और संस्कृति की और गहराई से समझने का मौका देती है। ऐसी खोजें हमें अतीत की ओर ले जाती हैं और हमारी ऐतिहासिक धरोहर (Historical Heritage) को संजोने में मदद करती हैं।

कुषाण काल की प्राचीन दीवार की खोज

पुरातत्वविद डॉ. विनय कुमार (Dr. Vinay Kumar) और पीएचडी शोधार्थी प्रवीण कुमार (PhD Scholar Praveen Kumar) ने बताया कि दशाश्वमेध तीर्थ की चारदीवारी के लिए चल रही खोदाई में यह प्राचीन दीवार मिली है।

ये ईंटें आकार और वजन में काफी बड़ी हैं, जिनका इस्तेमाल लगभग 2,200 साल पहले होता था। इससे इस स्थान की प्राचीनता और महत्व का पता चलता है।

ऐतिहासिक महत्व और खोजों का संकेत

सालवन गांव न केवल महाभारत काल से जुड़ा है। बल्कि यहां के प्राचीन तालाब (Ancient Pond) को दशाश्वमेध तीर्थ माना जाता है। इस तीर्थ का उल्लेख महाभारत (Mahabharata) और ब्रह्म पुराण (Brahma Purana) में भी मिलता है। यह तीर्थ कुरुक्षेत्र के 48 कोस क्षेत्र (48 Kos Area) का भी हिस्सा है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ाता है।

जीर्णोद्धार के दौरान ऐतिहासिक खोजें

इस जीर्णोद्धार के दौरान न केवल प्राचीन ईंटें और दीवारें मिली हैं, बल्कि मानव कंकाल (Human Skeletons), मृदभांड (Pottery), खिलौने (Toys) आदि भी मिले हैं। ये सभी खोजें इस क्षेत्र में अतीत में जीवन के अस्तित्व और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) को दर्शाती हैं।

भविष्य में खोजों की संभावनाएं

पुरातत्वविद और शोधार्थी दोनों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र में और अधिक विस्तृत उत्खनन (Excavation) किया जाए तो मंदिर या अन्य ऐतिहासिक इमारतों (Historical Buildings) के होने के साक्ष्य मिल सकते हैं। यह खोज न केवल पुरातत्वविदों के लिए बल्कि इतिहास प्रेमियों के लिए भी उत्साहजनक है।