26 लाख स्टूडेंट्स को नही मिलेगा सरकारी योजनाओं का फायदा, अभी तक पेंडिंग है ये जरुरी काम
बिहार में सरकारी स्कूलों के लगभग 26 लाख बच्चे छात्रवृत्ति ड्रेस और साइकिल जैसी महत्वपूर्ण स्कूली योजनाओं से वंचित हो सकते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि इन बच्चों का नाम ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उनके आधार कार्ड नंबर के साथ दर्ज नहीं है. शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि केवल वे बच्चे जिनका नाम आधार कार्ड नंबर के साथ सूची में दर्ज है, उन्हें ही इन योजनाओं का लाभ मिलेगा.
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड किए गए डेटा की जानकारी
शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ 76 लाख बच्चों में से करीब 22 लाख बच्चों का आधार नंबर पोर्टल पर दर्ज नहीं किया गया है. इस प्रकार एक करोड़ 54 लाख बच्चों का नाम ही आधार के साथ पोर्टल पर दर्ज है. यह आंकड़ा दर्शाता है कि बड़ी संख्या में बच्चे इस तकनीकी अड़चन के कारण लाभ से वंचित रह सकते हैं.
नामांकन की स्थिति और आधार कार्ड की अहमियत
राज्य के सरकारी स्कूलों में वर्तमान में नामांकित बच्चों की संख्या लगभग एक करोड़ 80 लाख है. इसमें से 26 लाख बच्चे जिनका आधार कार्ड जल्दी नहीं बना वे योजनाओं की राशि से वंचित रह सकते हैं. इस प्रकार आधार कार्ड न केवल एक पहचान पत्र के रूप में बल्कि एक जरूरी दस्तावेज के रूप में उभर कर आया है जो सरकारी सहायता के लिए अनिवार्य है.
अपर मुख्य सचिव के निर्देश और आगे की कार्यवाही
विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि जिन बच्चों का आधार नहीं बना है उनका जल्द से जल्द आधार बनवाने की व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी बच्चा योजना से वंचित न रहे. इसके अलावा निजी स्कूलों में नामांकित लगभग 27 लाख बच्चों के नाम भी ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं.
योजनाओं की लागत की जानकारी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्डधारी स्कूली विद्यार्थियों को ही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा और इसके लिए राशि का भुगतान सीधे विद्यार्थियों के खाते में किया जाएगा. इससे न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होती है बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि लाभ सीधे विद्यार्थियों तक पहुंचे.