राजस्थान के इन जिलों को हरियाणा से मिलेगा यमुना का पानी, 30 साल पुराना विवाद सुलझा
राजस्थान (Rajasthan) में जल संकट (Water Crisis) हमेशा से एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। लेकिन अब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की पहल पर एक ऐतिहासिक निर्णय के साथ इस समस्या का समाधान खोजा जा रहा है। ईआरसीपी (ERCP) लिंक परियोजना के जरिए राजस्थान के कई जिलों में पीने और सिंचाई (Irrigation) के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
दो राज्यों के बीच समझौता
राजस्थान और हरियाणा (Haryana) के बीच डीपीआर (DPR) बनाने के लिए समझौता हुआ है, जिससे दोनों राज्यों के बीच भूमिगत पाइपलाइनों (Underground Pipelines) के माध्यम से पानी का वितरण किया जाएगा। इस पहल के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और भजन लाल शर्मा के साथ बैठकें की गईं जिससे इस परियोजना को गति मिली।
पेयजल और सिंचाई के लिए नया अध्याय
इस योजना से चूरू, सीकर और झुंझुनू (Churu, Sikar, Jhunjhunu) समेत राजस्थान के कई जिलों को विशेष रूप से पेयजल (Drinking Water) के लाभ मिलेंगे। डीपीआर को पूरा करने के लिए चार महीने का समय निर्धारित किया गया है जिससे परियोजना की प्रगति को तेजी मिलेगी।
प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन और ऐतिहासिक सहमति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मार्गदर्शन में इस समझौते को ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह दो दशकों से लंबित मुद्दे का स्थायी समाधान (Permanent Solution) प्रदान करता है और राजस्थान में पानी की उपलब्धता में एक मील का पत्थर साबित होगा।
आपसी सहयोग से मिली सफलता
इस परियोजना की सफलता आपसी सहयोग (Mutual Cooperation) की भावना पर आधारित है। राजस्थान और हरियाणा की सरकारों के बीच सहयोग से इस परियोजना को वास्तविकता का रूप दिया गया है।
लंबित योजना की प्रगति
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने इस लंबे समय से लंबित योजना के लिए केंद्रीय मंत्री शेखावत और मुख्यमंत्री खट्टर का आभार व्यक्त किया। इस योजना से राजस्थान के जिलों में पीने के पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा।
भविष्य की उम्मीदें और संभावनाएं
ईआरसीपी लिंक परियोजना से राजस्थान में पानी की उपलब्धता में सुधार होने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल पेयजल की समस्या को हल करेगी बल्कि सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध कराएगी, जिससे कृषि (Agriculture) और अन्य संबंधित क्षेत्रों में विकास होगा। इस पहल से राजस्थान के जिलों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को एक सुरक्षित और स्थिर जीवन प्रदान किया जा सकेगा।