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377 ग्राम पंचायतों ने मनरेगा में किया 83.88 लाख का घोटाला, ऐसे खुल गई सबकी पोल

मनरेगा योजना का उद्देश्य बुंदेलखंड में काम करने वाले किसानों का पलायन रोकना था। मुख्य उद्देश्य इस योजना का था कि गैर-प्रांतीय क्षेत्रों में जाकर काम करने वाले किसानों को गांव में ही काम मिलेगा।
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fraud in manrega on wages of Worker
   

मनरेगा योजना का उद्देश्य बुंदेलखंड में काम करने वाले किसानों का पलायन रोकना था। मुख्य उद्देश्य इस योजना का था कि गैर-प्रांतीय क्षेत्रों में जाकर काम करने वाले किसानों को गांव में ही काम मिलेगा। लेकिन हर साल ग्राम पंचायतों का काम अनियमित होता है।

विकास कार्यों को भी हर साल देखा जाता है। इस साल भी, 2022–2023 में जिले में कराए गए विकास कार्यों में 377 ग्राम पंचायतों में 83 लाख से अधिक की अनियमिताएं पाई गईं।

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हर साल 100 करोड़ रुपये मिलते हैं

मनरेगा प्रत्येक वर्ष जिले के ग्राम पंचायतों में 100 करोड़ से अधिक कार्य करता है। मनरेगा को भारत सरकार ने सोशल ऑडिट किया है। ग्राम पंचायत स्तर पर सोशल आडिट दल बनाए जाते हैं। मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2022-23 में किए गए विकास कार्यों में सोशल आडिट टीम द्बारा आडिट शुरू करते ही अनियमिताएं सामने आने लगी।

इससे ग्राम पंचायतों में किए गए कामों का सही चित्र दिखाई देने लगा है। इस साल, 377 ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट टीमों ने 83 लाख 88 हजार 986 रुपये की अनियमिताएं पकड़ीं।

इतना ही नहीं, भ्रष्टाचार में शामिल ग्राम पंचायतों के प्रधानों और सचिवों ने तीन करोड़ से अधिक के कार्यों का विवरण नहीं प्रस्तुत किया। सोशल आडिट टीम ने जांच पूरी होने के बाद अपनी रिपोर्ट जिला विकास विभाग को भेजी है।

ब्लॉक बार सोशल ऑडिट

सोशल आडिट टीम ने बबेरू ब्लाक के 49 ग्राम पंचायतों में जांच की, जिसमें 8,46778 रुपये का घपला पाया गया। बड़ोखर ब्लॉक में 49 ग्राम पंचायतों में 19 लाख 26734 रुपए की गड़बड़ी पाई गई, बिसंडा ब्लॉक में 49 ग्राम पंचायतों में 1669420 रुपए की गड़बड़ी पाई गई, और जसपुरा ब्लॉक में 24 ग्राम पंचायतों में 1550998 रुपए की गड़बड़ी पाई गई।

कमासिन ब्लाक के 39 ग्राम पंचायतों में 11 लाख 20 हजार रुपये की चोरी हुई। महुआ ब्लॉक की 70 ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट में 1199039 रुपए की गड़बड़ी की पुष्टि हुई। नरैनी ब्लॉक में 54 गांवों की जांच की गई, जिसमें 28968 रुपये की गड़बड़ी पाई गई। ऐसा ही तिंदवारी ब्लाक में 43 ग्राम पंचायतों की जांच में 838898 रुपये की गड़बड़ी पाई गई।

फर्जी मजदूरों के नाम भर के लाखों रुपए का घपला

सोशल आडिट टीम ने ग्राम पंचायत में खरंजा निर्माण, तालाब खुदाई और मेड़बंदी में अधिकांश अनियमितताएं पाई हैं। संपर्क मार्ग की मिट्टी का काम भी कई गांवों में अनियमित रहा है। ऐसा ही मस्टर रोल में भी हुआ है। मृत कर्मचारियों के नाम भी मस्टर रोल में हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ग्राम प्रधानों ने मस्टर रोल में लाखों रुपये फर्जी मजदूरों के नाम पर चुरा लिए हैं।

इस बारे में जिला विकास अधिकारी बांदा रामाशंकर ने कहा कि सोशल ऑडिट में ग्राम पंचायतों में कई अनियमिताएं सामने आई हैं। इसकी नवीनतम जांच की जा रही है। अनियमितताएं पाए जाने पर रकम वापस ली जाएगी।