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देश में इस जगह बनाया जा रहा है 600KM लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, इन जिलों के जमीनों के रेट्स में आया उछाल

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एक नए युग की शुरुआत करते हुए, वाराणसी और कोलकाता के बीच एक नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की है। इस एक्सप्रेसवे का कोड नाम NH319B रखा गया है, जो इस परियोजना....
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Development Greenfield Expressway
   

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एक नए युग की शुरुआत करते हुए, वाराणसी और कोलकाता के बीच एक नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की है। इस एक्सप्रेसवे का कोड नाम NH319B रखा गया है, जो इस परियोजना की विशिष्टता और महत्व को दर्शाता है।

इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद वाराणसी से कोलकाता के बीच की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। जिससे यात्रियों का समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी। वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे न केवल दो प्रमुख शहरों के बीच की दूरी को कम करेगा।

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बल्कि इसके निर्माण से आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी। यह एक्सप्रेसवे व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संपर्कों के लिए नए द्वार खोलेगा। जिससे क्षेत्रीय विकास को एक मजबूत आधार मिलेगा।

इस परियोजना के साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने न केवल एक आधुनिक और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी है। बल्कि भविष्य की ओर एक उज्ज्वल कदम भी बढ़ाया है।

संपर्क और सुविधा का नया द्वार

यह एक्सप्रेसवे न केवल वाराणसी और कोलकाता के बीच की दूरी को कम करेगा। बल्कि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के माध्यम से गुजरते हुए, क्षेत्र के कई अन्य शहरों को भी जोड़ेगा। इस तरह से यह एक्सप्रेसवे आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा और व्यापार एवं यात्रा के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।

विकल्पों की विविधता

NH319B एक्सप्रेसवे NH19 का एक विकल्प प्रदान करेगा, जो वर्तमान में वाराणसी और कोलकाता के बीच का प्रमुख राजमार्ग है। यह नया एक्सप्रेसवे यात्रियों को एक सुरक्षित, तेज और अधिक सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगा। जिससे उनकी यात्रा अधिक आरामदायक और संतोषजनक होगी।

परियोजना की प्रगति

इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 610 किलोमीटर होगी, जो बिहार और झारखंड के चार-चार जिलों को जोड़ने के बाद पश्चिम बंगाल के पुरिलिया जिले में प्रवेश करेगी। इस परियोजना पर कार्य तेजी से प्रगति पर है और आरसीडी इंजीनियरों का कहना है कि इस विशिष्ट पहचान के साथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में भी गति आएगी।