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यूपी के इन जिलों से होकर गुजरेंगे 7 नए नेशनल हाईवे, 11905 करोड़ की लागत से बनेंगे नए हाइवे

मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही सात नई परियोजनाओं का निर्माण करेगा। इन परियोजनाओं का व्यास कुल 283 किमी है। 11905 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही सात नई परियोजनाओं का निर्माण करेगा। इन परियोजनाओं का व्यास कुल 283 किमी है। 11905 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं में कानपुर रिंग रोड, शाहजहांपुर-शाहाबाद बाईपास, मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली तथा मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा फोर-सिक्स लेन का निर्माण सबसे महत्वपूर्ण हैं।

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NHAI ने कहा कि शाहजहांपुर से शाहाबाद बाईपास फोर लेन बनाया जाएगा। इसके पैकेज 2A टेंडर को मंजूरी मिली है। यह 34.9 किमी लंबा है और परियोजना पर 947.74 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ऐसा ही कानपुर रिंग रोड एनएचडीपी फेज-एक का टेंडर है। इसकी लागत 1796 करोड़ रुपये है और 24.559 किमी है।

बरेली-पीलीभीत-सितारगंज रोड को फोर-लेन बनाया जाएगा; बरेली-पीलीभीत-सितारगंज विभाग के पैकेज एक को भी फोर-लेन बनाया जाएगा। टेंडर समाप्त हो गया है। 32.5 किमी की परियोजना को 1391.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पैकेज दो भी सफल होना चाहिए। इसकी लंबाई 38.3 किमी है और मूल्य 1464.19 करोड़ है।

फोर लेन मथुरा, हाथरस, बदायूं और बरेली को जोड़ेगा

साथ ही, मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली फोर लेन राजमार्ग का निर्माण भी मंजूर किया गया है। इस मार्ग की लंबाई 57.1 किमी है और इसके पैकेज दो की लागत 2289.52 करोड़ रुपये है। तीन 56.4 किमी लंबी परियोजना पर 2009.11 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना का कार्य जल्द शुरू होगा।

मुरादाबाद-ठाकुर पैकेज दो जल्द शुरू होगा

मुरादाबाद-ठाकुर ने भी पैकेज-दो का काम स्वीकृत कर लिया है और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। एनएच-734 चार से छह लेन की सड़क बनेगी। परियोजना का खर्च 2006.82 करोड़ रुपये होगा और इसकी लंबाई 38.77 किमी है। ईपीसी मोड पर दो परियोजनाओं का निर्माण होना है: मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा हाइवे और कानपुर रिंग रोड।

टेंडर प्रक्रिया समाप्त होने पर लेटर आफ इंटेट भेजा गया है। इस परियोजना को EPC मोड के तहत राज्य भरेगा। एचएएम मोड पर पांच परियोजनाओं का काम होना है: शाहजहांपुर-शाहाबाद बाईपास, बरेली-पीलीभीत-सितारगंज फोर लेन, मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली फोर लेन और बिल्ट, आपरेट और ट्रांसफार्मर माडल।

हाइब्रिड एन्युटी मोड पर, सरकार चालीस प्रतिशत खर्च करेगी, विकासकर्ता बीस प्रतिशत देंगे। विकासकर्ता बिल्ट ऑपरेशन एंड ट्रांसफर पर 60 प्रतिशत खर्च करेगा। विकासकर्ता सड़क बनाएगा, उसे आपरेट करेगा, टोल वसूलेगा और फिर एक तय समय पर इसे प्राधिकरण को सौंपेगा।

NHAI यूपी वेस्ट रिजनल आफिसर संजीव शर्मा ने बताया कि इन परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ कांट्रैक्टर को लेटर ऑफ इंटेट भेजा गया है। इन परियोजनाओं की शुरुआत तीन से चार महीने में होगी। सभी परियोजनाओं को दो वर्षों में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।