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90 साल पहले चिप्स के पैकेट की कीमत में आती थी साइकिल, 1934 का पुराना बिल देखकर तो आ जाएगा चक्कर

हमारे समय में तकनीकी उन्नति ने जीवन के हर पहलू को बदल कर रख दिया है। जहां एक समय था जब घरों में लैंडलाइन फोन और पंखे हुआ करते थे
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हमारे समय में तकनीकी उन्नति ने जीवन के हर पहलू को बदल कर रख दिया है। जहां एक समय था जब घरों में लैंडलाइन फोन और पंखे हुआ करते थे आज हर हाथ में स्मार्टफोन और हर घर में एयर कंडीशनर का होना आम बात है। इस बदलाव ने न सिर्फ हमारे रहन-सहन को बदला है, बल्कि इन उपकरणों की कीमतों में भी भारी परिवर्तन आया है।

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समय के साथ बदलती तकनीक और बढ़ते दाम

पहले जहाँ घरों में सिर्फ एक लैंडलाइन फोन होना एक बड़ी बात मानी जाती थी आज हर व्यक्ति के पास अपना पर्सनल स्मार्टफोन होता है। इसी तरह घरों में पंखे की जगह अब एयर कंडीशनर ने ले ली है। इन बदलावों का मुख्य कारण है तकनीकी प्रगति जिसने न केवल सुविधाएं बढ़ाई हैं बल्कि कीमतों में भी उछाल ला दिया है।

1934 के दौरान साइकिल की कीमत

आज से लगभग 90 वर्ष पहले साइकिल खरीदना एक बड़ी बात होती थी। हाल ही में ऑनलाइन सामने आई एक पुरानी फ़ोटो में दिखाई गई एक साइकिल का बिल जिसे कोलकाता के मानिकतला स्थित कुमुद साइकल वर्क्स ने वायरल किया था में लिखा गया है कि एक साइकिल की कीमत केवल 18 रुपये थी। यह बिल 7 जनवरी 1934 का है और पेंसिल से लिखा गया था।

प्रतिक्रियाएं और मूल्य का आकलन

इस बिल की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "मुझे 90 साल पुराना साइकिल का बिल मिला, सिर्फ 18 रुपये।" इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। एक अन्य यूजर ने कहा "नहीं सर यह रकम आज के लाखों रुपये के बराबर हो सकती है।" उन्होंने आगे बताया कि 1947 में भारतीय सेना के प्रमुख को 250 रुपये महीना मिलता था जो आज के दो लाख रुपये से अधिक के बराबर होता है।

विकास और पैसे का चलन 

यह तुलना हमें दिखाती है कि समय के साथ कैसे वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं। इसे मुद्रास्फीति कहा जाता है, जो न केवल एक देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है बल्कि आम जनता की खरीदने की क्षमता पर भी असर डालती है। इसलिए जब हम अतीत की कीमतों की तुलना आज से करते हैं, तो यह अंतर समझना जरूरी हो जाता है।