90 दशक की गोलू मोलू Guddi Maruti फिल्मी दुनिया से दूर जी रही है जिंदगी, कभी अपनी कॉमेडी से सबको हंसा हंसाकर कर देती थी लोटपोट
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में हीरो और हीरोइन भले ही मुख्य आकर्षण का केंद्र हों। लेकिन फिल्मों की सफलता में सहायक किरदारों की भूमिका को कमतर आंका नहीं जा सकता। इन सहायक कलाकारों में से एक नाम जो खासतौर पर उभर कर आया है, वह है गुड्डी मारुति। उन्होंने अपने विशेष कॉमिक अंदाज से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता है।
बल्कि फिल्म निर्माताओं का भी। यह कहानी बताती है कि कैसे एक कलाकार ने अपनी मेहनत और लगन से फिल्म उद्योग में अपनी विशेष छाप छोड़ी है। गुड्डी मारुति की कहानी यह दिखाती है कि किसी भी कलाकार के लिए उनका काम ही उनकी सबसे बड़ी पहचान होती है।
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गुड्डी मारुति का प्रारंभिक जीवन और फिल्मी करियर
गुड्डी मारुति जिनका असली नाम ताहिरा परब है। ताहिरा परब ने महज 10 वर्ष की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उनके पिता मारुतिराव परब एक प्रतिष्ठित अभिनेता और निर्देशक थे। जिन्होंने उनके करियर को प्रारंभिक दिशा दी।
गुड्डी ने अपने विशेष शारीरिक गठन का उपयोग करते हुए कई मजेदार और यादगार किरदार निभाए। जिन्होंने उन्हें एक जानी-मानी कॉमिक एक्ट्रेस के रूप में स्थापित किया।
दशकों तक चला उनका अभिनय सफर
1980 के दशक में उन्होंने अपना फिल्मी करियर शुरू किया और 90 के दशक तक उन्होंने अपनी लोकप्रियता के शिखर को छुआ। गुड्डी मारुति ने ‘खिलाड़ी’, ‘शोला और शबनम’, ‘आशिक आवारा’ और ‘बीवी नंबर 1’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। उनका कॉमिक टाइमिंग और अनूठी अभिनय शैली ने उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई।
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गुड्डी मारुति का वापसी और वर्तमान स्थिति
एक लंबे अंतराल के बाद गुड्डी मारुति ने 2015 में फिल्म ‘हम सब उल्लू है’ के साथ अभिनय की दुनिया में वापसी की। वे अब फिट दिखती हैं और सक्रिय रूप से अभिनय कर रही हैं। उनकी हालिया फिल्म ‘कामयाब’ में उनका काम दर्शकों ने काफी सराहा। गुड्डी ने अपने जीवन और करियर में आए उतार-चढ़ाव को बड़ी बहादुरी से सामना किया है और आज भी वे दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं।