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99 प्रतिशत लोगो को नहीं पता होती BRA की फुल फॉर्म, लगभग महिलाएं आज भी पहनती है गलत ब्रा

हमारे समाज में ब्रा को अक्सर एक गोपनीय विषय माना जाता है। यह एक ऐसी चीज़ है जिसकी आवश्यकता हर महिला को होती है, फिर भी इस पर खुलकर चर्चा करने से अक्सर लोग कतराते हैं। यह जानते हुए भी कि यह सिर्फ एक कपड़ा है समाज में इसे एक विशेष तरीके से देखा जाता है।

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हमारे समाज में ब्रा को अक्सर एक गोपनीय विषय माना जाता है। यह एक ऐसी चीज़ है जिसकी आवश्यकता हर महिला को होती है, फिर भी इस पर खुलकर चर्चा करने से अक्सर लोग कतराते हैं। यह जानते हुए भी कि यह सिर्फ एक कपड़ा है समाज में इसे एक विशेष तरीके से देखा जाता है।

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ब्रा का इतिहास और फुल फॉर्म

ब्रा का इतिहास काफी दिलचस्प है। शब्द 'ब्रा' की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द 'Brassiere' से हुई है जिसे पहली बार 1893 में न्यूयॉर्क में इवनिंग हेराल्ड न्यूजपेपर में इस्तेमाल किया गया था। इस शब्द का मतलब 'बच्चे की अंडरशर्ट' था जो बाद में महिलाओं के अंडरगारमेंट्स के लिए इस्तेमाल होने लगा। आधुनिक समय में इसका एक और फुल फॉर्म प्रचलित हुआ है - 'Breast Resting Area'.

ब्रा के आविष्कार और कप साइज

ब्रा का आविष्कार तो जल्दी हो गया था लेकिन कप साइज का आविष्कार नहीं हुआ था। यह 1930 के दशक में S. H. Camp कंपनी द्वारा किया गया जिन्होंने लेटर A से D तक के साइज तैयार किए। यह विकास महिलाओं के लिए ब्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने में मदद करता है।

गलत ब्रा साइज की समस्या

एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि विश्व भर में लगभग 80% महिलाएं गलत ब्रा साइज पहनती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि सही नाप न लेना या ब्रा की अनुचित फिटिंग। यह न केवल असुविधाजनक होता है बल्कि यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

ब्रा की एक्सपायरी डेट

बहुत सी महिलाएं नहीं जानती कि ब्रा की भी एक एक्सपायरी डेट होती है। एक ब्रा को जितना अधिक पहना जाता है उतना ही इसकी गुणवत्ता कम होती जाती है। इसे 6-9 महीने के बाद बदल देना चाहिए क्योंकि इसकी लोच कम हो जाती है और यह सही सपोर्ट नहीं दे पाती है।

ब्रा की सफाई और देखभाल

स्वच्छता के लिहाज से ब्रा को हफ्ते में कम से कम एक बार धोना चाहिए। इससे ब्रा के सामग्री की देखभाल होती है और स्वच्छता भी बनी रहती है। यह न सिर्फ आपकी स्किन के लिए बेहतर है, बल्कि यह ब्रा की दीर्घायु में भी सहायक होता है।