भारत का एक ऐसा रेल्वे स्टेशन जहां से देश के हर शहर के लिए जाती है ट्रेन, बहुत कम लोगों को पता होगा इसका नाम
भारतीय रेलवे, जो देश की जीवनरेखा मानी जाती है, में मथुरा जंक्शन एक प्रमुख स्थान रखता है। यह स्टेशन उत्तर भारत में न केवल एक महत्वपूर्ण परिवहन हब है बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस आर्टिकल में हम मथुरा जंक्शन की विशेषताओं और इसके महत्व को पूरी जानकारी के साथ बताएंगे।
भारतीय रेलवे, जो देश की जीवनरेखा मानी जाती है, में मथुरा जंक्शन एक प्रमुख स्थान रखता है। यह स्टेशन उत्तर भारत में न केवल एक महत्वपूर्ण परिवहन हब है बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस आर्टिकल में हम मथुरा जंक्शन की विशेषताओं और इसके महत्व को पूरी जानकारी के साथ बताएंगे।
मथुरा जंक्शन
सन 1857 में स्थापित मथुरा जंक्शन भारतीय रेलवे के उत्तर मध्य क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है। यहां से पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण - सभी दिशाओं के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं जो यहाँ से विभिन्न राज्यों के लिए चलती हैं। यह विशेषता मथुरा जंक्शन को देश के विभिन्न हिस्सों के यात्रियों के लिए एक पसंदीदा ट्रांजिट पॉइंट बनाती है।
मथुरा जंक्शन की ट्रेन सेवाएं
मथुरा जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 197 ट्रेनें गुजरती हैं, जिसमें गरीब रथ, जन शताब्दी, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस शामिल हैं। इनमें 57 मेल एक्सप्रेस, मेमू-डेमेमू, 114 सुपरफास्ट और 6 संपर्क क्रांति ट्रेनें भी शामिल हैं। इस विविधता से मथुरा जंक्शन उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक भारत के किसी भी कोने के लिए यात्रा करने का एक खास स्थान है।
मथुरा
मथुरा जंक्शन की भौगोलिक और रेल संबंधी महत्व के अलावा यह स्थान धार्मिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। मथुरा को भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है जो इसे देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाती है। यात्रियों के लिए यह न केवल यात्रा का केंद्र है बल्कि एक पवित्र स्थल भी है जहां वे आध्यात्मिक शांति मिलती हैं।