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भारत का ऐसा राज्य जहां लड़की नही बल्कि लड़का जाता है ससुराल, लड़कों को प्रपोज करती है लड़कियां

भारत विविधताओं का देश है जहां हर राज्य की अपनी संस्कृति और परंपराएं हैं. आज हम मेघालय की खास जनजाति की उस अनोखी शादी प्रथा के बारे में जानेंगे जहां दूल्हा अपनी पत्नी के घर में बसता है
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भारत का ऐसा राज्य जहां लड़की नही बल्कि लड़का जाता है ससुराल
   

meghalaya-khasi-tribe: भारत विविधताओं का देश है जहां हर राज्य की अपनी संस्कृति और परंपराएं हैं. आज हम मेघालय की खासी जनजाति की उस अनोखी शादी प्रथा के बारे में जानेंगे जहां दूल्हा अपनी पत्नी के घर में बसता है और संपत्ति मां से बेटी को दी जाती है.

मेघालय की मातृसत्तात्मक समाज व्यवस्था

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मेघालय की खासी जनजाति अपनी मातृसत्तात्मक समाज व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है जहां परिवार और संपत्ति की व्यवस्था माताओं के माध्यम से चलती है. इस समाज में शादी के बाद पुरुषों को अपने ससुराल में बसना पड़ता है और वे अपनी पत्नियों के सरनेम को अपनाते हैं.

बेटी को मिलती है प्राथमिकता

खासी समुदाय में संपत्ति का अधिकार मां से बेटी को मिलता है. यह प्रथा सुनिश्चित करती है कि संपत्ति उसी खानदान में रहे और महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे. इस व्यवस्था में महिलाएं न केवल घर की मुखिया होती हैं बल्कि वे समाज में सम्मान और अधिकारों का पूरा उपभोग करती हैं.

शादी की रिति-रिवाज

खासी जनजाति में शादियां बेहद खास होती हैं. यहाँ शादी से पहले लड़की और लड़के को एक दूसरे को अच्छे से जानने और समझने का पूरा मौका दिया जाता है. शादी की रस्में साधारण होती हैं और अक्सर ये बिना किसी धूमधाम के सम्पन्न होती हैं. विवाह समारोह दुल्हन के घर पर होता है जहां दोनों परिवार मिलकर इस पवित्र बंधन को सेलिब्रेट करते हैं.

सामाजिक और आर्थिक असर 

इस प्रथा का समाज पर गहरा असर पड़ता है. यह स्त्री को न केवल घर की बागडोर सौंपती है बल्कि उसे समाज में एक मजबूत स्थिति भी मिलती है. इससे महिलाओं को अपने जीवन और निर्णयों में स्वायत्तता मिलती है जो कि भारतीय समाज में अनोखी बात है.