अनोखा बैंक जहां पैसों से नही बल्कि राम के नाम से खुलता है खाता, भारत ही नही बल्कि विदेशों में भी है इस बैंक की शाखाएं
अयोध्या, जिसे धर्म नगरी कहा जाता है, वहां एक अनोखे बैंक की स्थापना हुई है, जो धन के बजाय धार्मिक पूंजी (Religious Capital) का संग्रहण करता है। इस बैंक का नाम है राम नाम बैंक (Ram Naam Bank), जिसका मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) के नाम का जाप करने के लिए प्रेरित करना है।
इस अनूठे बैंक का उद्देश्य भक्तों में भगवान श्रीराम के प्रति आस्था को मजबूत करना और उन्हें धार्मिक कृत्यों के माध्यम से आत्मिक शांति (Spiritual Peace) प्रदान करना है। राम नाम बैंक आज न केवल भारत बल्कि विश्वभर में धार्मिक एकता (Religious Unity) और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में उभरा है।
राम नाम बैंक: आध्यात्मिक खाताधारिता
इस बैंक की स्थापना लगभग 53 वर्ष पहले अयोध्या (Ayodhya) में हुई थी, जहां खाता खोलने के लिए एक अनोखी शर्त है। खाता खोलने वाले भक्तों को 5 लाख बार 'सीताराम' नाम लिखकर जमा करना पड़ता है। इस बैंक की शाखाएं (Branches) न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी हैं, जिसमें अमेरिका (USA), नेपाल (Nepal), फीजी (Fiji), और लंदन (London) शामिल हैं।
राम नाम का आध्यात्मिक हिसाब
इस बैंक में बाकायदा पासबुक (Passbook) जारी की जाती है, जिसमें भक्त अपने 'राम नाम' जाप की एंट्री करवा सकते हैं। अभी तक, इस बैंक में 20,000 करोड़ से अधिक 'राम नाम' जमा हो चुके हैं, जो इसकी लोकप्रियता (Popularity) और भक्तों की आस्था (Devotion) को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक
राम नाम बैंक के संचालक, जो राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास (Mahant Nritya Gopal Das) हैं, ने इस बैंक की स्थापना 1970 में की थी। इस बैंक की डेढ़ सौ से अधिक शाखाएं हैं, और यहां खाता खुलवाने वालों की संख्या लगभग 35 हजार से अधिक है।
आध्यात्मिक यात्रा का माध्यम
राम नाम बैंक न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह लोगों को आध्यात्मिक (Spiritual) यात्रा पर ले जाने का एक माध्यम भी है। इस बैंक के माध्यम से, लोग अपनी भौतिक संपत्ति (Material Wealth) के बजाय धार्मिक पूंजी में निवेश कर रहे हैं, जो उन्हें ईश्वर के अधिक निकट लाता है।