भारत का ऐसा गांव जहां शादी के बाद पैदल ही जाती है दुल्हन, वजह जानकर तो आपको भी नही होगा विश्वास
आपने शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को कार से प्लेन तक चलते देखा या सुना होगा। लेकिन आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक नई दुल्हन को पैदल या कार चलाकर अपने घर जाना होगा। लेकिन भागलपुर में ऐसा हुआ। जब नवविवाहित जोड़े को अपने ससुर के पास पैदल जाना पड़ा। इसके बाद यह विषय चर्चा का विषय है।
दरअसल, आपको बता दें कि बहुत सारे स्थानों पर चचरी पुल हैं, जो ग्रामीणों द्वारा बनाए गए लकड़ी के पुल हैं। जो लोगों की मदद करता है। लेकिन इस बार दूल्हे को अपनी दुल्हन को घर ले जाने के लिए नदी पार करने के लिए एक विचित्र पुल का सहारा लेना पड़ा।
गांव में प्रवेश के लिए कोई सड़क नहीं है
पूरा मामला नाथनगर प्रखंड के शंखपुर पंचायत का है, जो भागलपुर से लगभग एक किलोमीटर दूर है। सत्तो महतो, इस गांव के निवासी, की बेटी की शादी गुरुवार की रात हुई। मनिहारी से जुलूस निकला। लेकिन गांव तक सड़क नहीं थी।
इसलिए बारातियों को महादेव सिंह कॉलेज के पास अपनी गाड़ी खड़ी करनी पड़ी। बारातियों को कार के साथ लगभग डेढ़ किलोमीटर चलना पड़ा। चकचारी पुल शुक्रवार की सुबह शादी के बाद दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर वापस अपने घर चला गया।
रिश्ता कई बार टूट चुका है
इस गांव में बेटियों को शादी करना मुश्किल है। ग्रामीण शंकर ने बताया कि यहां बेटी की शादी निर्धारित होने के बाद भी कई बार टूट चुकी है। वाहनों का गांव में प्रवेश न होना इसका मुख्य कारण है।
उनका कहना था कि बेटे की शादी भी बहुत कठिन है। हर साल इस गांव में बाढ़ आती है। हमारी बाढ़ ने भी इस पुल को नहीं छोड़ा है। नाव पर चलना होगा। इस मुद्दे को कई बार उठाया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
चुनाव के दौरान भी पुल का मुद्दा उठता है
स्थायी पुल भी हर साल चुनाव के समय उठता है। चुनाव खत्म होने के बाद इसे कोई नहीं देखेगा। साथ ही, ग्रामीणों ने चचरी पुल के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा किया है। इस पुल को बाढ़ के दौरान खोला जाना चाहिए। बाढ़ आते ही इसे फिर से बनाना होगा। ठोस पुल की जरूरत है।