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भारत का एक ऐसा गांव जहां फ्री मे मिलता है गाय-भैंस का दूध, वजह जानकर तो आपको भी नहीं होगा यकीन

हरियाणा की एक प्रसिद्ध कहावत है, "जहां दूध दही का खाना, वहां मेरा हरियाणा।"तुमने कभी मुफ्त दूध और लस्सी नहीं देखा होगा।
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भारत का एक ऐसा गांव जहां फ्री मे मिलता है गाय-भैंस का दूध
   

हरियाणा की एक प्रसिद्ध कहावत है, "जहां दूध दही का खाना, वहां मेरा हरियाणा।"तुमने कभी मुफ्त दूध और लस्सी नहीं देखा होगा। हरियाणा के एक गांव में लोगों को गाय-भैंस का दूध खरीदने की बजाय खुद देना पसंद है। दशकों से ये स्वतंत्र चक्र जारी है।

इस गांव में फ्री दूध है

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नाथुवास एक गांव है जो हरियाणा के भिवानी जिले में स्थित है। भिवानी गांव से लगभग छह से सात किलोमीटर दूर है। इस गाँव में एक हजार घर हैं। हर घर में दो से सात गाय-भैंसे होते हैं। इसके बावजूद इस गांव में दूध बेचने वाला कोई नहीं है। जरूरतमंद लोगों को दूध मुफ्त में दिया जाता है।

नाथुवास गांव में मुफ्त दूध क्यों दिया जाता है?

गांव के लोगों का कहना है कि यह एक परंपरा है जो सदियों पुरानी है। वे कहते हैं कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है कि पशु लगभग 150 साल पहले भयंकर बीमारी से मरने लगे थे। इससे गांव की जनता परेशान होने लगी। इस दौरान, गांव के महंत फूलपुरी ने बचे हुए पशुओं को बचाने का उपाय खोजा। यह स्पष्ट हो गया कि गाँव में कोई भी आदमी कभी दूध नहीं बेचेगा। इस तरह की बीमारी कभी गांव में पशुओं में नहीं फैली है।

खर्च कैसे चलता है?

नाथुवास शहर में भैंसे लगभग हर घर में पाए जाते हैं। इनकी कीमत लाखों में है। यही कारण है कि हर कोई सोचता है कि ग्रामीण खर्चों का भुगतान कैसे किया जाए। यह गांव दूध नहीं बेचता। लेकिन दूध से घी बनाया जाता है और बेचा जाता है। इससे घर और पशुपालन का पूरा खर्च भी बचता है।

दूध बेचने वालों की दुर्दशा

गांव में हर चीज है।क्या किसी ने दूध बेचने की कोशिश की? यहाँ के लोगों ने कहा कि ऐसा करना बुरा है।  ऐसे लोगों की जान और धन चली गई। इसके बाद गांव में वर्षों से दूध नहीं बेचने की परंपरा है।

इस प्रथा के कई लाभ हैं—

धार्मिक हो या नहीं गांव के पशुओं में दशकों से बीमारी नहीं थी। ग्रामवासी कहते हैं कि शादी में आवश्यकता होने पर हम लोगों को मुफ्त दूध देते हैं। गांवों में दूध की बिक्री नहीं होने से बच्चों को भी पर्याप्त दूध मिलता है।