आखिर कयों हवाई जहाज में तेल-घी और अचार ले जाने पर है पाबंदी, ये चीजें साथ ले गये तो बजने लगती है ख़तरें की घंटी
प्लेन में अचार और तेल ले जाना मना है। यदि आपने सोचा था कि खाने-पीने के लिए कोई बाधा नहीं होगी, तो भूल मत कीजिएगा। क्योंकि आप इसे ले जा ही नहीं सकते। लेकर गए तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन अचार और तेल ले जाना क् यों मना है? Online platform Koora ने यह प्रश्न पूछा। आइए अजीब ज्ञान के तहत इसका सही उत्तर जानें।
पहली बात, यह सामान जल्दी लीक होता है। अगर ऐसा हुआ तो विमान की सीटें गंदी हो जाएगी और किसी यात्री के कपड़े भी गंदगी हो सकती है। यह भी जल्द ही खराब हो जाएगा क्योंकि हवा में तापमान अलग है। लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है। कई और कारण हैं कि आप घी, तेल और अचार नहीं ले सकते।
यह आपकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। घी-तेल बहुत ज् वलनशील है क्योंकि यह बहुत फैट है। इससे हवाई जहाज में आग लगने की आशंका बनी रहती है। सुरक्षित कारणों से उड़ानों में ज्वलनशील तरल पदार्थ या गैस नहीं ले जाया जा सकता।
तापमान और दबाव परिवर्तनों से रिसाव का खतरा
दूसरा तरलता, इसका द्रव होना। जब घी कमरे के तापमान पर होता है, तो वह अधिकतर तरल होता है। TSSA के 3-1-1 नियम के अनुसार, आप बहुत सीमित मात्रा में कंटेनर में तरल पदार्थ, जैल और एयरोसोल डाल सकते हैं।
100 मिलीमीटर या उससे कम की मात्रा को नियमित रूप से क्वार्ट-आकार के प्लास्टिक बैग में पैक करके ले जाना चाहिए। लेकिन सारी एयरलाइनों में समान नियम नहीं हैं। घी जल्दी गिर सकता है। रिसाव तापमान और दबाव में बदलाव से हो सकता है। तीव्र गंध दूसरे यात्रियों को परेशान कर सकती है।
एयरलाइंस के निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें
धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से कुछ एयरलाइंस घी को विमान में नहीं ले जाते। भारतीय और दक्षिण एशियाई लोग घी को पवित्र मानते हैं और इसे एक पवित्र भोजन मानते हैं। विभिन्न देशों की कानूनों और नियमों से भी यह प्रतिबंध लगाया जा सकता है क्योंकि विमान की सुरक्षा और सामान्य यात्रा के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यात्रा करने से पहले एयरलाइंस के निर्देशों को जरूर पढ़ें।