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शादी फिक्स होने के बाद दूल्हा कर रहा था इंकार, फिर दुल्हन के सिखाया ऐसा सबक की बारात लेकर आ गया दूल्हा

संभल जिले (Sambhal District) के जुनावई थाना क्षेत्र के मैडोली गांव में एक अनोखी घटना सामने आई। यहां रघुनंदन ने अपनी बेटी शशि की शादी दबथरा क्षेत्र के नेमपाल सिंह के साथ तय की थी। लेकिन जब शादी की बारी आई तो दूल्हे नेमपाल ने एक नहीं बल्कि तीन बार शादी से इंकार कर दिया।
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संभल जिले (Sambhal District) के जुनावई थाना क्षेत्र के मैडोली गांव में एक अनोखी घटना सामने आई। यहां रघुनंदन ने अपनी बेटी शशि की शादी दबथरा क्षेत्र के नेमपाल सिंह के साथ तय की थी। लेकिन जब शादी की बारी आई तो दूल्हे नेमपाल ने एक नहीं बल्कि तीन बार शादी से इंकार कर दिया। इससे दुल्हन पक्ष काफी परेशान हो उठा।

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पंचायत से निकला हल

जब नेमपाल सिंह ने पहली दो बार शादी से इनकार किया तो गांव में पंचायत बुलाई गई। पंचायत (Panchayat) ने 11 जून को नई तारीख तय की लेकिन लड़के ने फिर से इनकार कर दिया। अंतत 28 फरवरी को शादी की नई तारीख रखी गई। लेकिन शादी से तीन दिन पहले ही लड़का पक्ष ने फिर से शादी से मना कर दिया। इस पर पीड़ित पिता रघुनंदन ने जुनावई थाने में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई।

न्याय की गुहार

पीड़ित परिवार की गुहार सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक (Police Superintendent) ने तुरंत जुनावई थाने में रिपोर्ट भेजकर लड़की पक्ष को न्याय दिलाने के आदेश दिए। इसके परिणामस्वरूप बुधवार को पुलिस ने डॉ. मनोज कुमार के सहयोग से एक पंचायत आयोजित की जिसमें लड़के पक्ष को मना लिया गया।

दूल्हे ने लिए सात फेरे

पंचायत के फैसले के बाद नेमपाल सिंह अपने गांव के 25 लोगों के साथ लड़की के घर पहुंचे। लड़की पक्ष ने बारातियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया। इस अनोखी शादी (Unique Wedding) की खबर ने सभी को यह संदेश दिया कि न्याय और समझदारी से हर समस्या का समाधान संभव है।

समाज में नई मिसाल

इस घटना ने न केवल दुल्हन को न्याय दिलाया बल्कि समाज में एक नई मिसाल (Social Justice) भी पेश की। यह घटना दिखाती है कि कैसे समाज पुलिस और पंचायत मिलकर एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इस शादी ने समाज में न्याय और सहयोग की नई भावना को जागृत किया।