उत्तरप्रदेश में इन लोगों पर दर्ज हुए सभी मुकदमें होंगे वापिस, योगी सरकार के इस ऐलान के बाद कोर्ट कचहरियों के नही काटने पड़ेंगे चक्कर
महामारी के दौरान लॉकडाउन (Lockdown) के नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए मुकदमे (Cases) अब वापस ले लिए गए हैं। यह निर्णय न केवल उन लोगों के लिए राहत भरी खबर है जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देता है।
सरकार और प्रशासन नागरिकों की चिंताओं को समझते हुए उनके हित में निर्णय ले रहे हैं। इससे न केवल समाज में एक सकारात्मक माहौल बनेगा, बल्कि लोगों को भविष्य में ऐसी महामारियों के दौरान सावधानी बरतने के लिए भी प्रेरित करेगा।
मुकदमों की वापसी
जनवरी 2021 (January 2021) में सरकार (Government) ने महामारी एक्ट (Epidemic Act) के तहत दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया। इस निर्णय से न केवल पुलिस (Police) और प्रशासनिक कर्मी (Administrative Personnel) वादी के रूप में शामिल हुए, बल्कि यह भी सुनिश्चित हुआ कि चरित्र सत्यापन (Character Verification) में कोई दाग नहीं लगेगा।
गोरखपुर 14452 केस दर्ज
गोरखपुर (Gorakhpur) में, 14452 केस दर्ज किए गए थे, जबकि गोरखपुर जोन में यह आंकड़ा एक लाख तीन हजार से भी ज्यादा था। गोरखपुर में मुकदमे वापस लेने में समय अधिक लगा, लेकिन अंततः सभी केस वापस ले लिए गए, जिससे लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर से मुक्ति मिली।
व्यापारियों पर मुकदमा
लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बिना अनुमति दुकानें खोलने वाले व्यापारियों (Traders) के खिलाफ सर्वाधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और मास्क (Mask) पहनने के निर्देशों का पालन न करने पर भी कार्रवाई की गई थी।
महामारी एक्ट
धारा 188 (Section 188) के तहत महामारी एक्ट 1897 (Epidemic Diseases Act, 1897) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। यह कानून लॉकडाउन के दौरान लागू किया गया था ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके।
पुलिस का निस्तारण और चरित्र सत्यापन
पुलिस (Police) ने सभी महामारी एक्ट से जुड़े मुकदमों का निस्तारण कर दिया है, जिससे अब चरित्र सत्यापन (Character Verification) में कोई बाधा नहीं रहेगी। इससे पासपोर्ट (Passport), नौकरी (Job), और अन्य मामलों में सहायता मिलेगी।