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यहां एक लड़की से होती है सभी भाइयों की शादी, भारत में यहां होती है ये अनोखी शादियां

भारतीय इतिहास और महाभारत के आख्यानों में बहुपति विवाह का वर्णन मिलता है जैसे द्रोपदी का विवाह पांच पांडवों से हुआ था.
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Tibetan Fraternal Polyandry: भारतीय इतिहास और महाभारत के आख्यानों में बहुपति विवाह का वर्णन मिलता है जैसे द्रोपदी का विवाह पांच पांडवों से हुआ था. इसी तरह की परंपरा हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी देखी गई है. हालांकि यह प्रथा अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है और वर्तमान समाज में इसका प्रचलन न के बराबर है.

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तिब्बत में बहुपति विवाह की सांस्कृतिक परंपरा 

तिब्बत में बहुपति विवाह की परंपरा आज भी कुछ हद तक जीवित है. इस परंपरा के अनुसार एक महिला की शादी एक ही परिवार के सभी भाइयों से होती है जिससे वह सभी की पत्नी बन जाती है. यह परंपरा संपत्ति और पारिवारिक भूमि के बंटवारे को रोकने के लिए शुरू की गई थी.

संतान की पहचान और परिवारिक संरचना 

तिब्बती समाज में, बहुपति विवाह से उत्पन्न संतान के जैविक पिता की पहचान नहीं की जाती. सभी भाई संयुक्त रूप से बच्चों की परवरिश करते हैं, जिससे पारिवारिक एकता मजबूत होती है और सामाजिक संरचना में स्थिरता बनी रहती है.

विवाह की परंपरा और उसके नियम 

तिब्बत में, बहुपति विवाह की प्रथा के अनुसार घर के सबसे बड़े भाई से महिला का विवाह किया जाता है. इस प्रथा के तहत, महिला की शादी के बाद वह परिवार के सभी भाइयों के साथ वैवाहिक संबंध में बंध जाती है.

टोपी प्रथा और उसका सामाजिक महत्व 

तिब्बती समाज में एक अनूठी प्रथा यह है कि महिला जिस पति के साथ रह रही होती है, उसकी टोपी उसके कमरे के बाहर रखी जाती है. यह टोपी उस दिन के लिए पत्नी के संबंधित पति की पहचान करती है. यह प्रथा पारिवारिक समझौते और सामाजिक स्वीकृति को दर्शाती है.