बैंक अकाउंट में इस लिमिट से ज्यादा कैश मत करवाना जमा, वरना देना पड़ सकता है टैक्स Bank Account Rules
bank account deposit limit: आज के डिजिटल युग में बैंक में सेविंग अकाउंट रखना प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है. चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो या डिजिटल लेनदेन करना हो बैंक अकाउंट आपकी आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. भारत में बैंक अकाउंट खोलने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है जिससे अधिकांश लोगों के पास दो या उससे अधिक बैंक अकाउंट्स होते हैं.
बैंक अकाउंट और मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता
बचत खाता न केवल आपके पैसे को सुरक्षित रखता है बल्कि बैंक द्वारा समय-समय पर जमा रकम पर ब्याज भी दिया जाता है. जीरो बैलेंस अकाउंट को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के अकाउंट्स में निश्चित मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य है. यदि आप इस मिनिमम बैलेंस को बनाए नहीं रखते हैं, तो बैंक आपसे पेनाल्टी वसूल सकता है. हालांकि बचत खाते में जमा करने की अधिकतम सीमा पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है.
बचत खाते में कैश जमा करने की सीमा और नियम
भारतीय बैंकों में बचत खाते में कितना पैसा जमा किया जा सकता है, इसकी कोई सख्त सीमा नहीं है. आप अपने खाते में लाखों या करोड़ों रुपये भी जमा कर सकते हैं. यदि जमा राशि आयकर के दायरे में आती है, तो उस आय का स्रोत बताना अनिवार्य होता है. नकदी जमा करने और निकालने की सीमा बैंक की नीतियों पर निर्भर करती है और यह तय करती है कि आप एक बार में कितनी राशि जमा या निकाल सकते हैं.
नकद जमा के साथ जुड़े नियम और कराधान
यदि आप बैंक में ₹50,000 से अधिक नकद जमा कर रहे हैं तो आपको अपना पैन नंबर देना होगा. एक दिन में ₹1 लाख तक नकद जमा किया जा सकता है. यदि व्यक्ति नियमित रूप से नकद नहीं जमा करता है तो यह सीमा ₹2.5 लाख तक हो सकती है. व्यक्तिगत वित्तीय वर्ष में ₹10 लाख तक का नकद जमा किया जा सकता है और यदि यह सीमा पार होती है तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को देता है.
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10 लाख से अधिक जमा पर आयकर विभाग की नजर
यदि आपके खाते में ₹10 लाख से अधिक नकद जमा होता है तो आपको अपने आय के स्रोत के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी. यदि आप अपने आय के स्रोत की संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाते हैं तो आपके खिलाफ आयकर विभाग जांच कर सकता है और आपको भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है.
सुरक्षित निवेश के ऑप्शन
बड़ी राशि को सेविंग अकाउंट में रखने के बजाय उसे एफडी में बदलने या म्यूचुअल फंड्स, शेयर बाजार या रियल एस्टेट में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. ये निवेश विकल्प आपको न केवल बेहतर रिटर्न दे सकते हैं बल्कि आपके पैसे को भी सुरक्षित रख सकते हैं.