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नैशनल हाइवे पर ये बैंक वसूल करेगा टोल टैक्स, NHAI ने किया ये ऐलान Toll Plaza Rules

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों पर गाड़ियों से टोल टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी अब बैंकों को सौंपी जा रही है.
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toll tax national highways : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों पर गाड़ियों से टोल टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी अब बैंकों को सौंपी जा रही है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह निर्णय लेते हुए बैंकों के सहयोग से टोल वसूलने की नई प्रणाली को अपनाने का कदम उठाया है.

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द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहला प्रयोग

इस नवीन प्रणाली की शुरुआत द्वारका एक्सप्रेसवे से की जा रही है जो भारत का पहला मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल कलेक्शन प्रणाली वाला राजमार्ग होगा. इसके लिए बैंकों से राजस्व हिस्सेदारी के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं. जो बैंक सबसे अधिक राजस्व हिस्सेदारी प्रदान करेगा उसे टोलिंग अधिकार मिलेंगे.

टोल वसूली का आधुनिक तरीका

NHAI द्वारा अपनाई जा रही इस नई तकनीक में, टोल वसूली पारंपरिक टोल प्लाजा के बजाय गैंट्री पर लगे सेंसरों और फील्ड उपकरणों के जरिए की जाएगी. यह प्रणाली वाहनों की गति को बाधित किए बिना उनकी जानकारी को संसाधित कर फास्टैग वॉलेट से टोल शुल्क को ऑटोमेटिकली कटौती करेगी.

टोलिंग पॉइंट का एकीकरण

द्वारका एक्सप्रेसवे पर केवल एक ही टोलिंग पॉइंट होगा जो दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा. इस टोलिंग पॉइंट पर ही वाहनों से टोल वसूली जाएगी. इस प्रक्रिया से यातायात में रुकावट कम होगी और यात्रा सुगम होगी.

बैंकों के साथ उप-ठेकेदारी

चूंकि बैंकों के पास टोल कलेक्शन का सीधा अनुभव नहीं है, NHAI ने बैंकों को उप-ठेकेदार नियुक्त करने की अनुमति दी है. ये उप-ठेकेदार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर MLFF-आधारित टोलिंग प्रणाली में अनुभव रखने वाली कंपनियां होंगी.

बैंकों को चुनने का कारण

NHAI का मानना है कि बैंकों के साथ इस व्यवस्था से टोल कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी और यात्रा को और अधिक आसान बनाया जा सकेगा. बैंक अपनी विश्वसनीयता और RBI की निगरानी के कारण इस कार्य के लिए सही माने जाते हैं.