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किसी को बैंक चेक देने से पहले जान लेना चेक बाउंस के नए नियम, चेक बाउंस हुआ तो अब देना पड़ेगा इतना जुर्माना और होगी सजा

आज के डिजिटल युग में, जहां ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) की सुविधा ने लेन-देन को बेहद सरल बना दिया है, वहां नेट बैंकिंग (Net Banking) और यूपीआई (UPI) जैसी सुविधाएँ प्रमुखता से उपयोग में आ रही हैं।
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Cheque Bounce Rules (1)
   

आज के डिजिटल युग में, जहां ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) की सुविधा ने लेन-देन को बेहद सरल बना दिया है, वहां नेट बैंकिंग (Net Banking) और यूपीआई (UPI) जैसी सुविधाएँ प्रमुखता से उपयोग में आ रही हैं। फिर भी, चेकबुक (Chequebook) का इस्तेमाल व्यापारिक लेन-देन में आज भी प्रचलित है।

खासकर जब बड़े आर्थिक ट्रांजेक्शन की बात आती है। चेक बाउंस होने पर होने वाले जुर्माने और सजा से बचा जा सकता है। यह न केवल आपके वित्तीय स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि आपको कानूनी परेशानियों से भी बचाएगा।

चेक बाउंस होने के कारण

चेक का उपयोग करते समय, विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि एक छोटी सी चूक चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने का कारण बन सकती है।

इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना, सिग्नेचर में असमानता, गलत जानकारी का भरा जाना, ओवरराइटिंग (Overwriting) आदि। ये सभी फैक्टर चेक के बाउंस होने के प्रमुख कारण होते हैं।

चेक बाउंस होने पर परिणाम

जब चेक बाउंस होता है, तो इसके लिए जुर्माना (Fine) और कभी-कभी सजा (Punishment) का प्रावधान होता है। बैंक द्वारा खाताधारक पर विभिन्न प्रकार के चार्ज लगाए जाते हैं, जो 150 रुपये से लेकर 800 रुपये तक हो सकते हैं।

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अगर चेक देने वाले के अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है और बैंक चेक को डिसऑनर करती है, तो चेक धारक को कानूनी नोटिस (Legal Notice) दिया जा सकता है।

कानूनी प्रावधान और सजा

भारतीय कानून के अनुसार, चेक बाउंस होने पर यह एक अपराध माना जाता है। Negotiable Instrument Act 1881 के सेक्शन 138 के तहत, अगर चेक बाउंस होता है।

एक महीने के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है, तो चेक देने वाले व्यक्ति को 2 साल तक की जेल की सजा हो सकती है या चेक की राशि का दोगुना जुर्माना देना पड़ सकता है।

चेक बाउंस से बचाव के उपाय

चेक बाउंस से बचने के लिए, चेक भरते समय सभी जानकारियों की जांच पड़ताल करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके चेक का सही उपयोग हो रहा है, आपको चेक देने से पहले अपने बैंक बैलेंस की जांच कर लेनी चाहिए और साथ ही साथ चेक पर दी गई सभी जानकारी सही होनी चाहिए।