स्कूल जाने से पहले आपका छोटा बच्चा भी करता है पैसे लेने की जिद, तो करे ये 4 काम बाद में नही करेगा जिद
रीना, कहती है कि उनकी छह साल की बेटी उन्हें हर दिन पॉकेट मनी के नाम पर पैसे की मांग करती है। बच्चे पैसे नहीं देते तो जिद करती है (Bachcha Paise Mangta Hai)। वह खुद एक कामकाजी मां हैं। ऐसे में उनके पास बच्चे के साथ हर समय रहने, उसे सही और गलत बताने और उसे अच्छी बातें बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता।
वह उसे पैसे देती है, लेकिन कभी-कभी मना भी करती है। तब वह रोने लगती है और कहती है कि उसे स्कूल में खाने के लिए पैसे चाहिए। सभी उसके दोस्त पैसे लेकर आते हैं।रीना कहती है कि वे हर हफ्ते एक दिन अपनी बेटी को पैसे देती हैं.
लेकिन फिर भी वह दूसरे बच्चों की देखभाल करके हर दिन पैसे मांगती है। इसलिए उन्हें क्या करना चाहिए? बच्चे को धन देना चाहिए था या नहीं। रीना अकेली नहीं है। रीना की तरह बहुत सी माएं और पिता इसी समस्या से जूझ रहे हैं। तो, रीना, आज हम आपके और मेरे परिवार की इसी समस्या पर चर्चा करेंगे।
क्या करें अगर बच्चा बार-बार करे पैसे की मांग और जिद, बच्चे को पैसे दें या नहीं | What to do if your child asks for too much money
परेशान मत हो; बच्चा आपकी बात नहीं सुनता या जिद करता है। याद रखें कि वह आपका बच्चा है और वह सचमुच छोटा है। वह आपकी तरह बुद्धिमान नहीं होगा। आपको भी इतना समझदार बनने में सालों लगे न? फिर आप चाहते हैं कि वह कुछ सालों में आपकी हर बात मान और समझ जाए? इसलिए सबसे पहले चिंता करना बंद करो और सब्र रखो।
दूसरा काम : बच्चे की सुनें
अगली बार जब आपका छोटा बच्चा पैसे मांगे, उसे बताएं कि उसे क्यों पैसे चाहिए। वह शायद बाहर कुछ नहीं खाने की आपकी हिदायत से डरकर आपको नहीं बताएगा कि उसे चिज खानी है या दोस्त के साथ कुछ खरीदना है। इसलिए उसे भरोसे में लें और पूछें कि उसे क्यों पैसे चाहिए। जब वह आपको अपनी वजह बताए, तो देखें कि आप उसे पैसे देने के बजाए वही सामान खरीद लेंगे। इससे बच्चा पैसे लेने की आदत नहीं रखेगा।
दूसरा काम : उसकी इच्छाएं पूरी करने की कोशिश करें
अगर आपका बच्चा पैसे किसी गलत आदत के लिए नहीं मांग रहा है तो आप कोशिश करें कि छोटे बच्चे को पैसे देने के बजाए उसकी इच्छा को खुद पूरा कर दें.
तीसरा काम : दूसरे पेरेंट्स से बात करें
रीना ने हमें बताया कि कुछ बच्चे स्कूल में हर दिन पैसे लाते हैं। यही कारण है कि उनका बच्चा भी इसकी जिद करता है। यही कारण है कि आप स्कूल की पेरेंट मीट के दौरान अन्य माता-पिता से बात करें। आप सभी मिलकर एक ही दिन निर्धारित कर सकते हैं। जिस पर हर बच्चे को उनका पेरेंट पैसे देता है। इससे बच्चे कभी पैसे की कमी नहीं महसूस करेंगे।
चौथा और जरूरी काम : डांटे तो बिलकुल नहीं
वह कुछ भी मांगता है। उसे माफी नहीं देना चाहिए। डांटने से बच्चे कभी नहीं थकते। वे सिर्फ उसे करने के लिए अन्य उपायों की तलाश करते हैं। आपकी डांट से डरकर वह नए तरीके अपनाने लगे।