home page

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी खबर, 6.32KM की लंबी सुरंग बनकर तैयार Rishikesh Karnprayag Rail Project

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (Rishikesh Karnaprayag rail project updates) के तहत चमोली जिले में रानौ (गौचर) से सेवई के बीच 6.32 किमी लंबी निकास सुरंग....
 | 
Rishikesh Karnaprayag Rail
   

Rishikesh Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (Rishikesh Karnaprayag rail project updates) के तहत चमोली जिले में रानौ (गौचर) से सेवई के बीच 6.32 किमी लंबी निकास सुरंग की खुदाई का काम पूरा हो गया है. इस उपलब्धि से मुख्य सुरंग के निर्माण में तेजी आने की उम्मीद है. कार्यदायी कंपनी एचसीसी-डीबीएल (HCC-DBL joint venture) ने इस सफलता को बड़े दिन (क्रिसमस) के मौके पर मिष्ठान वितरित कर खुशी मनाई.

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

तीन साल नौ महीने में पूरा हुआ सुरंग निर्माण कार्य

निकास सुरंग की खुदाई का कार्य तीन वर्ष नौ माह में पूरा हुआ. वर्ष 2021 में इस पर काम शुरू हुआ था. इस परियोजना का कार्य एचसीसी-डीबीएल (joint venture project updates) की विशेषज्ञ टीम ने पूरा किया. परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि यह सफलता टीम के तकनीकी कौशल और समर्पण का परिणाम है.

परियोजना समय पर पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम

यह उपलब्धि रेल परियोजना के समय पर पूरा होने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है. वरिष्ठ प्रबंधक राजेश रे ने कहा कि सुरंग निर्माण से न केवल कनेक्टिविटी सुधरेगी बल्कि क्षेत्र में बेहतर परिवहन सुविधा (better transportation connectivity benefits) भी मिलेगी. साथ ही इस परियोजना से पर्यटन और आर्थिक विकास (tourism and economic growth benefits) को भी बढ़ावा मिलेगा.

सुरंगों के निर्माण में अब तक की प्रगति

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत 126 किमी लंबाई की रेल लाइन का निर्माण हो रहा है. इसमें 17 सुरंगें बनाई जाएंगी. अब तक मुख्य सुरंग की 89 किमी खुदाई (rail tunnel construction updates) पूरी हो चुकी है. निकास सुरंग की कुल लंबाई 97.6 किमी है जिसमें से 89.36 किमी का कार्य पूरा कर लिया गया है.

रेल परियोजना की खास बातें

यह परियोजना उत्तराखंड के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है. परियोजना की कुल लागत 16,216 करोड़ रुपये है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है. सबसे लंबी सुरंग 14.08 किमी (longest rail tunnel construction updates) की होगी जो देवप्रयाग से जनासू के बीच बनेगी. वहीं सबसे छोटी सुरंग केवल 200 मीटर लंबी होगी.

उत्तराखंड में परिवहन और कनेक्टिविटी का भविष्य

इस परियोजना के पूरा होने पर उत्तराखंड में परिवहन का परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा. वीरभद्र योगनगरी ऋषिकेश श्रीनगर रुद्रप्रयाग और कर्णप्रयाग जैसे 13 स्टेशनों (rail connectivity development updates) के साथ यह लाइन क्षेत्र के लोगों को तेज और सस्ती परिवहन सुविधा प्रदान करेगी. इसके अलावा राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर (employment opportunities through tourism) पैदा होंगे.

परियोजना से पर्यावरण और क्षेत्रीय विकास को लाभ

इस परियोजना से न केवल आर्थिक बल्कि पर्यावरणीय लाभ (eco-friendly rail project benefits) भी होंगे. रेलवे से सड़क यातायात में कमी आएगी जिससे प्रदूषण घटेगा. साथ ही क्षेत्र के गांवों और कस्बों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा.

सुरंग निर्माण में तकनीकी चुनौतियों का सामना

सुरंग निर्माण के दौरान टीम को तकनीकी और भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उच्च पर्वतीय क्षेत्र (mountainous rail construction challenges) में काम करना आसान नहीं था लेकिन विशेषज्ञों ने अपने कौशल और समर्पण से इसे पूरा किया.